अब ऑपरेशन लोटस ’19-19-19′ की तैयारी, येदियुरप्पा को ‘सीनियर कांग्रेस नेता’ का साथ और ज्योतिषी का विश्वास
बेंगलुरु
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा चुनाव के सात महीने बाद भी हार नहीं मानी है। भले ही वह राज्य में सरकार ना बना पाए हों लेकिन उन्होंने कोशिश करना नहीं छोड़ा है। उन्हें पूरा विश्वास है कि वह सत्ता में जरूर आएंगे और इस विश्वास के पीछे हैं उनके ज्योतिषी। येदियुरप्पा के ज्योतिषी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि अभी उनके सीएम बनने की संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं। इसलिए, राज्य बीजेपी अध्यक्ष डटे हुए हैं। साथ ही, एक सीनियर कांग्रेस नेता ने भी येदियुरप्पा में ऑपरेशन लोटस जारी रखने का भरोसा जताया है।
ज्योतिषी ने कहा है, 'बदलेंगे सितारे'
बता दें कि कई नेताओं की तरह येदियुरप्पा भी ज्योतिष में विश्वास करते हैं। सूत्रों की मानें तो केरल के एक ज्योतिषी ने उन्हें बताया है कि 15 जनवरी के बाद उनके सितारे उनके पक्ष में होने वाले हैं और उन्हें सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता है। वहीं, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के टॉप नेताओं के साथ भी येदियुरप्पा की बातचीत जारी है।
सीनियर कांग्रेस नेता हैं साथ
सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम को किसी सीनियर कांग्रेस नेता का भी समर्थन मिला हुआ है जो नहीं चाहते कि गठबंधन सरकार सुचारू रूप से चल सके। शायद यही वजह है कि अपने खेमे में आए कुछ कांग्रेस विधायकों के वापस चले जाने से भी येदियुरप्पा को ऑपरेशन लोटस के सफल होने का पूरा भरोसा है। पार्टी के एक नेता के मुताबिक यह वरिष्ठ नेता काफी समय से इसमें जुटे हैं। वह कई महीनों से परेशानियां पैदा भी कर रहे हैं और उन्हें सुलझा भी रहे हैं। वह अपने समर्थकों को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल कर रहे हैं।
'19-19-19 की तैयारी'
गुरुग्राम के एक लग्जरी होटेल में 14 जनवरी से रुके एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने हमारे सहयोगी अखबार बेंगलुरु मिरर को बताया है कि किसी को नहीं पता, क्या हो रहा है। हालांकि, उनका कहना है, 'मुझे ऐसा लग रहा है कि शनिवार (19 जनवरी) को कुछ होने वाला है।' उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा के इसमें शामिल ना होने की बात भी कही। कहा जा रहा है कि बीजेपी नेता '19-19-19' की बात कर रहे हैं, यानी '19' जनवरी 20'19' को दूसरी पार्टियों के '19' विधायकों को अपने पाले में किया जाएगा। होटेल में रुके एक दूसरे नेता का कहना है कि येदियुरप्पा बेंगलुरु से कोई 'इशारा' होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें यह नहीं पता कि यह इशारा कौन देगा।