नहीं मिली एंबुलेंस, पिता को कंधे पर ले जाना पड़ा 7 साल के बेटे का शव

 
नालंदा

 बिहार में चमकी बुखार और लू की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसके चलते राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवालों के घेरे में है। इसके साथ ही राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को शर्मसार करता एक और मामला सामने आया है जहां एक शख्स को अपने सात साल के बेटे के शव को कंधे पर उठाकर सरकारी अस्पताल से घर लेकर जाना पड़ा।

जानकारी के अनुसार, मामला नालंदा का है जहां एक पिता को अस्पताल प्रशासन की ओर से बच्चे का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं करवाई गई जिसके चलते उसे शव को कंधे पर उठाकर घर ले जाना पड़ा। इस घटना पर नालंदा के जिला मजिस्ट्रेट योगेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। अगर किसी भी तरह की प्रशासनीय लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

योगेंद्र सिंह ने बताया कि अस्पताल कर्मियों का कहना है कि बच्चे के परिजन को वाहन उपलब्ध कराने की बात कही थी लेकिन उस समय अस्पताल में वाहन मौजूद नहीं था इसलिए उन्हें रुकने के लिए कहा था। वे नहीं रुके और शव को लेकर चले गए।

गौरतलब है कि बिहार में चमकी बुखार की चपेट में आने से अब तक 163 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है। राज्य की खराब स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है।

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