नक्सलियों की आईईडी को वेब फ्रीक्‍वेंसी से पकड़ेगी फोर्स

रायपुर
 छत्तीसगढ़ में फोर्स ने नक्सलियों की आईईडी को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। नई तकनीक में 120 सेंटीमीटर पहले ही सेंसर आईईडी की जानकारी दे देगा। खास बात यह है कि पत्थर, दीवार, ईंट और प्लास्टिक में रखे आईईडी को भी पकड़ लेगा।

स्टीरियो हेडफोन के जरिये इसकी 24 घंटे तक मॉनिटरिंग भी की जा सकती है। छत्तीसगढ़ में पिछले दो साल में नक्सलियों ने रणनीति बदली है और फोर्स को सबसे ज्यादा आईईडी ब्लास्ट से नुकसान हुआ है।

एंटी नक्सल आपरेशन के आला अधिकारियों ने बताया कि यह काफी हल्का है और क्रिस्टल डिटेक्शन में भी कामयाब है। इससे आईईडी के साथ रेडियो ट्रांसमिटेड डिवाइस का भी पता लगाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल पहले से ही एयरपोर्ट, सरकार भवनों की सुरक्षा में किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि स्टीरियो डिवाइस हाई सेंसटिव एरिया में भी पूरी मुस्तैदी से जानकारी देने में सक्षम है।

छत्तीसगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि इसका प्रयोग बस्तर के सुकमा और बीजापुर में किया जा रहा है। इसके सफल परिणाम सामने आए है। दरअसल, नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव के दौरान दंतेवाड़ा में विधायक भीमा मंडावी और गढ़चिरौली में 15 जवानों की आईईडी ब्लास्ट में हत्या कर दी थी। इसके बाद से इस तकनीक के इस्तेमाल की मांग तेज हुई है।

पिछले दो साल से आईईडी ब्लास्ट में सबसे ज्यादा शहीद

सीआरपीएफ के आला अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 में नक्सली हिंसा में 28 जवान शहीद हुए, जिसमें 22 ने आईईडी ब्लास्ट में अपनी जान गंवाई। वहीं, 2018 में 67 में 41 जवान और वर्ष 2017 में 74 जवान आइईडी ब्लास्ट की चपेट में आए।

बताया जा रहा है कि इससे पहले नक्सली एंबुस लगाकर जवानों पर हमला करते थे। लेकिन पिछले दो साल में ट्रेंड को बदलते हुए सीधे ब्लास्ट कर रहे हैं। इसमें नक्सलियों को कम नुकसान उठाना पड़ता है, जबकि फोर्स के अधिकांश जवान सीधे चपेट में आ जाते हैं।

दो साल में 419 आईईडी हुई बरामद

एंटी नक्सल आपरेशन के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में दो साल में 419 आईईडी बरामद हुई। सबसे ज्यादा झारखंड 654, बिहार 118 और ओडिशा में 40 आईईडी बरामद हुई। नक्सल प्रभावित प्रदेशों में वर्ष 2019 में अब तक 71 आईईडी बरामद हुई। वहीं, 2018 में 419 और वर्ष 2017 में 796 आईईडी बरामद हुई।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *