धमनियों में रक्‍त का प्रवाह अवरुद्ध होना एथेरोस्‍कलेरोसिस

 

एथेरोस्‍कलेरोसिस में धमनियां सख्त या सिकुड़ जाती हैं। इसकी वजह से धमनियों में रक्‍त का प्रवाह अवरुद्ध होता है। इसे एथरोस्‍कलेरोटिक कार्डियोवस्‍कुलर डिजीज भी कहते हैं। इसके कारण हार्ट अटैक, स्‍ट्रोक और पेरिफेरल वस्‍कुलर डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा रहता है।

एथेरोस्‍कलेरोसिस के लक्षण
ब्‍लॉकेज होने तक एथेरोस्‍कलेरोसिस के अधिकतर लक्षण दिखाई नहीं देते है। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, टांग और बांह में दर्द और शरीर के किसी भी हिस्‍से में दर्द जहां की धमनी ब्‍लॉक हो चुकी हो। सांस लेने में दिक्‍कत, थकान, ब्‍लॉकेज के मस्तिष्‍क में रक्‍त प्रवाह को प्रभावित करने पर उलझन होना, रक्‍त प्रवाह की कमी के कारण टांग की मांसपेशियों में कमजोरी आना शामिल है।
हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक के लक्षणाें को जानना भी जरूरी है। ये दोनों ही एथेरोस्‍कलेरोसिस के कारण होते हैं और इनमें तुरंत मेडिकल सहायता की जरूरत होती है। हार्ट अटैक के लक्षण हैं सीने में दर्द, कंधे, कमर, गर्दन, हाथ में दर्द, पेट में दर्द, सांस लेने में दिक्‍कत, सिर चकराना, उल्‍टी या जी मतली।
स्‍ट्रोक के लक्षण हैं चेहरे या हाथ-पैरों में कमजोरी या सुन्‍नता, बोलने में दिक्‍कत होना, देखने में परेशानी होना, बेसुध होना और अचानक तेज सिरदर्द होना।

एथेरोस्‍कलेरोसिस के कारण इस प्रकार हैं :

    हाई कोलेस्‍ट्रोल
    हाई ब्‍लड प्रेशर
    सूजन जैसे कि आर्थराइटिस या लुपस से
    मोटापा या डायबिटीज
    धूम्रपान

एथेरोस्‍कलेरोसिस के कारण होने वाली जटिलताएं
इसकी वजह से सीने में दर्द, दीर्घकालिक किडनी रोग, कोरोनरी या कैरोटिड हार्ट डिजीज, हार्ट फेलियर, पेरिफेरल आर्टरी डिजीज, स्‍ट्रोक हो सकता है।

किसे होता है खतरा
एथेरोस्‍कलेरोसिस के जोखिम के लिए कई कारक जिम्‍मेदार हो सकते हैं, इनमें से कुछ के बारे में नीचे बताया गया है।
फैमिली हिस्‍ट्री : अगर आपके परिवार में किसी सदस्‍य को यह स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या रही है तो आपमें भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
व्‍यायाम की कमी : नियमित व्‍यायाम दिल की सेहत के लिए अच्‍छा होता है। ये हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पूरे शरीर में रक्‍त एवं ऑक्‍सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है। व्‍यायाम न करने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
हाई ब्‍लड प्रेशर : हाई बीपी से कुछ हिस्‍सों में रक्‍त वाहिकाएं कमजोर होकर क्षतिग्रस्‍त हो सकती हैं। खून में कोलेस्‍ट्रोल और अन्‍य तत्‍व समय के साथ धमनियों के लचीलेपन को कम कर सकते हैं।
धूम्रपान : धूम्रपान से रक्‍त वाहिकाएं और दिल को नुकसान पहुंच सकता है।
डायबिटीज : मधुमेह के मरीजों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा ज्‍यादा रहता है।

एथेरोस्‍कलेरोसिस का इलाज
इसके इलाज में जीवनशैली में बदलाव कर फैट और कोलेस्‍ट्रोल के सेवन को कम किया जाता है। हृदय और रक्‍त वाहिकाओं की सेहत में सुधार लाने के लिए एक्‍सरसाइज की जरूरत पड़ सकती है।
गंभीर स्थिति होने पर डॉक्‍टर दवा या सर्जरी की सलाह देते हैं। डॉक्‍टर कोलेरस्‍ट्रोल कम करने वाली, बीटा ब्‍लॉकर्स या कैल्शियम चैनल ब्‍लॉकर्स या बीपी कम करने के लिए मूत्रवर्द्धक दवाएं या धमनियों को अवरुद्ध होने या खूून के थक्‍के जमने से रोकने के लिए एंटीकोएगुलेंट दवाएं दे सकते हैं।
यदि लक्षण बहुत ज्‍यादा गंभीर हैं या मांसपेशी या त्‍वचा काे कोई खतरा है तो इस स्थिति में डॉक्‍टर सर्जरी कर सकते हैं।
इसमें बाईपास सर्जरी की जा सकती है। इसके अलावा प्रभावित धमनी में इंजेक्‍शन के जरिए दवा डालकर खून के थक्‍के को हटाने के लिए थ्रॉम्‍बोलिटिक थेरपी, एंजियोप्‍लास्‍टी और एंडारटेरेटोमी करनी पड़ सकती है।

बचाव के तरीके

    अपने आहार में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्‍ट्रोल की मात्रा कम रखें।
    फैटी फूड न खाएं।
    हफ्ते में दो बार मछली जरूर खाएं।
    हफ्ते में कम से कम 75 मिनट कठिन व्‍यायाम या 150 मिनट सामान्‍य एक्‍सरसाइज जरूर करें।
    धूम्रपान से बचें।
    तनाव से दूर रहें।
    हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्‍ट्रोल और डायबिटीज जैसी एथेरोस्‍कलेरोसिस से संबंधित स्थितियों का इलाज करें।

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