बाजार का उत्साह नहीं जगा सका प्रोत्साहन पैकेज, सेंसेक्स 1,069 अंक लुढ़का

मुंबई
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 1,069 अंक का गोता लगाकर करीब छह सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर बंद हुआ। विशेषज्ञों के अनुसार कोविड-19 से जुड़ी सार्वजनिक पाबंदियों की अवधि बढ़ाये जाने, सक्रमण के नए मामालों में वृद्धि तथा सरकार के वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज से घरेलू निवेशकों में भरोसा न जगने से बाजार का उत्साह ठंडा रहा। दुनिया के प्रमुख बाजारों में तेजी के बावजूद घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट रही। बाजार के जानकारों का कहना है कि हालात से निपटने केलिए सरकार का पांच किस्तों में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज निवेशकों का उत्साह नहीं बढ़ा सका है। इसके अलावा एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण मामले में सर्वाधिक वृद्धि से भी चिंता बढ़ी है।

 वित्तीय संस्थानों और वाहन कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली के बीच तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,068.75 अंक यानी 3.44 प्रतिशत लुढ़क कर 30,028.98 अंक जबकि एनएसई निफ्टी 313.60 अंक यानी 3.43 प्रतिशत टूटकर 8,823.25 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में इंडसइंड बैंक रहा। इसमें करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा एचडीएफसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक और अल्ट्राट्रेक सीमेंट में भी गिरावट दर्ज की गयी। दूसरी तरफ टीसीएस, इन्फोसिस, आईटीसी और एचसीएल टेक नुकसान में रहे। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ की अवधि चौथी बार बढ़ाये जाने को लेकर निवेशक थोड़े सतर्क नजर आयें। सरकार ने ‘लॉकडाउन’ दो सप्ताह यानी 31 मई तक के लिये बढ़ा दिया है। आशिका स्टॉक ब्रोकिंग में इक्विटी शोध के अध्यक्ष पारस बोथरा ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में सकरात्मक रुख के बावजूद घरेलू बाजार गिरावट के साथ खुला।

घरेलू धारणा कमजोर रही। इसका कारण 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज का बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं होना है।’’ आनंद राठी के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि गृह मंत्रालय के कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ 31 मई तक बढ़ाये जाने के बाद कारोबारी और निवेशक बाजार से दूर रहे। उन्होंने कहा कि जो राहत पैकेज की घोषणा की गयी है, ऐसा लगता है कि वह मांग पक्ष में सुधार को लेकर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं है। इसके कारण घरेलू बाजार में बिकवाली देखी गयी। सरकार ने प्रोत्साहन पैकेज की पहली चार किस्तों में छोटे कारोबारियों को कर्ज सुविधा उपलब्ध कराने और बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के जरिये नये कोष के गठन पर जोर रहा। इसमें बजट से इतर व्यय बहुत कम था। वहीं रविवार को पैकेज की पांचवीं किस्त में गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में काम कर रही सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की योजना की घोषणा की गयी।

 इसके अलावा कर्ज चूक की वजह से दिवाला मामले पर एक साल के लिये रोक लगा दी गयी तथा प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिये आबंटन में 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की गयी। शंघाई, हांगकांग, तोक्यो और सोल लाभ के साथ बंद हुए जबकि यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी रही। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल मानक ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 4.55 प्रतिशत बढ़कर 33.98 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला बढ़कर 96,169 पहुंच गया जबकि 3,029 लोगों की मौत हुई है। वहीं वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 47.13 लाख पहुंच गयी है जबकि 3.15 लाख लोगों की मौत हुई है।

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