‘ताई’ के उत्तराधिकारी शंकर लालवानी जीते
इंदौर
लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर बीजेपी के शंकर लालवानी ने जीत हासिल की है. शंकर लालवानी के सामने कांग्रेस के पंकज सिंघवी मैदान में थे. लालवानी की जीत पर इंदौर शहर भर में बीजेपी कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है, वे आतिशबाजी कर अपनी खुशी जता रहे हैं.
उधर शंकर लालवानी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे अपनी चुनावी जीत का पूरा विश्वास था. लेकिन इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी. इस जीत का श्रेय पीएम मोदी, और सुमित्रा महाजन के कराए गए विकास कार्यों को देता हूं.
इंदौर सीट पर बीजेपी पिछले आठ लोकसभा चुनाव से लगातार जीतती आ रही है. इस बार लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के इस सीट से चुनाव लड़ने से इंकार के बाद मुख्य दावेदार बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस सीट से उतरने से इंकार कर दिया था. इसके बाद बीजेपी ने ताई के खास कहे जाने वाले शंकर लालवानी को टिकट दिया था.
कौन हैं शंकर लालवानी
1993 में विधानसभा क्षेत्र-4 से लालवानी को बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था. 1996 में हुए नगर निगम चुनाव में उन्हें जयरामपुर वार्ड से टिकट मिला था. इसमें उन्होंने अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश लालवानी को हराया था और पार्षद बने थे.
1993 में विधानसभा क्षेत्र-4 से लालवानी को बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था. 1996 में हुए नगर निगम चुनाव में उन्हें जयरामपुर वार्ड से टिकट मिला था. इसमें उन्होंने अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश लालवानी को हराया था और पार्षद बने थे.लालवानी ने नगर निगम में सभापति जैसे महत्वपूर्ण पद का कार्यभार संभाला. वे तीन बार पार्षद रहे. कुछ समय बाद पार्टी ने उन्हें नगर अध्यक्ष बना दिया. नगर अध्यक्ष के पद पर रहते हुए ही उन्हें इंदौर नगर निगम प्राधिकरण की जिम्मेदारी दी गई थी.
सिंधी समाज से आने वाले शंकर लालवानी सुमित्रा महाजन और शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं. वे आईडीए के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा लालवानी बीजेपी के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. जानकारी के अनुसार शिवराज सिंह चौहान ने भी की थी शंकर लालवानी की पैरवी टिकट के लिए की थी.