विधायक जज्जी को बड़ी राहत, छानबीन समिति ने जाति प्रमाणपत्र को माना वैध

अशोकनगर
 अशोकनगर के कांग्रेस विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो गया।  राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र समिति ने विधायक के नट अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को वैध घोषित कर दिया है। साथ ही कलेक्टर अशोकनगर को आवश्यक कार्यवाही के लिये पत्र भेजा दिया है। छानबीन समिति के इस आदेश के बाद विधायक की जाति को लेकर चल रहे विवाद की भी समाप्ति मानी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र 10 बिंदुयो पर हाईकोर्ट ग्वालियर के आदेश पर छानबीन समिति जांच कर रही थी। 6 दिसंबर एवं 13 दिसंबर को इसी मुद्दे को लेकर छानबीन समिति की बैठकें आयोजित हुई थी इसके बाद 18 तारीख को समिति ने इस पूरे मामले पर फैसला दिया, जिसमें विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को सही माना गया है । 18 पन्नो के आदेश की कार्यवाही के बाद समिति ने चार महत्वपूर्ण तथ्यों के मद्देनजर  विधायक जज्जी के पक्ष में फैसला सुनाया है।

जिन बड़ी बातों पर यह फैसला हुआ है उन पुलिस अधीक्षक अशोकनगर द्वारा इस प्रकरण में स्पष्ट अभिमत  नही दिया जाना 1950 के खसरा के भू अभिलेख में विधायक के दादा बूढ़ा सिंह का नाम होना। विधायक के पूर्वजों का पंजाब के तरनतारन जिले के पट्टी तहसील के खारा जिले के भू अभिलेख नट जाति का उल्लेख होने के साथ जांच समिति ने पंजाब एवं अशोकनगर में विधायक के पूर्वजों के नाम भू अभिलेख में नट जाति के तौर पर पाए जाने के कारण वर्ष 2008 में जारी किया गया नट अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र वैध माना है।

विधायक द्वारा सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग की जातियों से लड़े चुनाव की शिकायत पर भी समिति ने तय किया है कि सामान्य सीट पर चुनाव लडा जा सकता है जबकि पिछड़े वर्ग का प्रमाण पत्र पूर्व में ही निरस्त कर दिया गया है इसलिए उसका कोई महत्व नहीं है।

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