युवाओं को लगा एक और झटका, व्यापमं फीस लौटाने की सरकार की कोई योजना नहीं!

भोपाल
कांग्रेस सरकार को प्रदेश में सत्ता संभाले हुए सात महीने हो चुके हैं। सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले जनता से कई वादे किए थे। इनमें से एक था व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षाओं की फीस वापस लौटाने का। कांग्रेस ने वादा किया था कि छात्रों ने परीक्षा के लिए जो फीस व्यापमं को अदा की थी वह उन्हें कांग्रेस सत्ता में आने के बाद वापस लौटाएगी। लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने इस वादे पर अबतक कोई कदम नहीं उठाया है। न ही किसी तरह की कोई योजना इस संबंध में तैयार की गई है।

व्यापमं का नाम मेडिकल परीक्षा घोटाले में आने के बाद इसका नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) कर दिया गया था। बीजेपी कार्यकाल में जो परीक्षाएं व्यापमं द्वारा करवाई गईं उनकी फीस लौटाने की कोई योजना फिलहाल नहीं है। पीईबी को मिली जानकारी के अनुसार 2004 से 2017 के बीच एक करोड़ छात्रों ने 600 करोड़ रुपए की फीस विभिन्न परीक्षाओं के लिए अदा की थी। मीडिया रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि फीस वापस लौटाने के संबंध में फिलहाल सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है न ही इसके लिए कोई नोटशीट बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि अभी यह बात साफ नहीं है कि किस वर्ष की परीक्षाओं की फीस और किस विषय में आयोजित की गईं परीक्षाओं की फीस सरकार द्वारा वापस लौटाई जाएगी।

पीईबी ऑटोनोमस बॉडी है जो सिर्फ परीक्षाओं को आयोजित कर फंड हासिल करती है। पीईबी ने 600 करोड़ रुपए बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान परीक्षाएं आयोजित कर जमा किए हैं। इस फंड को संस्था द्वारा आंतरिक खर्चों के लिए उपयोग में लिया जाता है। यह फंड बैंक में जमा कर इसके ब्याज को उपयोग में लाया जाता है। संस्था के एक अफसर ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि बोर्ड द्वारा विभिन्न परीक्षाएं आयोजित करवाई गईं हैं। इनमें मोडिकल और इंजीनियंरिंग की सबसे बड़ी परीक्षाएं शामिल हैं। पीईबी ने 4,68,86,01,000 रुपए का फंड 28 अलग अलग बैंकों में एफडी के रुप में जमा करवा रखा है। त्रिमासिक इनकम के तौर पर पीईबी ने फरवरी 2019 तक 45,47,33,128 रुपए की कमाई की। पैसा वापस लौटाने से पहले सरकार को इस बात का चयन करना है कि कौन सी परीक्षा का फंड वापस लौटाया जाना है। इसके अलावा बड़ी चुनौती यह भी है कि उन छात्रों को तलाश करना जिन्होंने परीक्षा के लिए पैसे दिए और उसमें शामिल हुए। उनका रिकॉर्ड तलाश कर पैसा लौटाना काफी जटिल प्रक्रिया साबित हो सकती है। यह किसी चुनौती से कम नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *