तय करेगा लोकसभा चुनाव के आगे की राह पहले फेज का मतदान

 नई दिल्ली 
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, इस इलाके ने 2014 में बीजेपी भारी बढ़त देने में अहम भूमिका निभाई थी। आज देश की 91 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है, ऐसे में पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र का इलाका फिर से अहम रोल अदा कर सकता है। इसके अलावा चार राज्यों में किसकी सरकार बनेगी, इसे लेकर भी फैसला होना है। इन राज्यों में राजनीतिक तौर पर बेहद अहम बने हुए आंध्र प्रदेश, जहां वाईएसआर कांग्रेस काफी अक्रामक प्रचार कर रही है, उड़ीसा, जहां बीजेडी के नवीन पटनायक जो पांचवी बार मुख्यमंत्री बनने की राह देख रहे हैं, के साथ सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी वोटिंग हो रही है।  
 
पूरा विपक्ष पीएम मोदी के अक्रामक प्रचार को परास्त कर उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए एकजुट है। ऐसे में पहले चरण का चुनाव बाकी के चरणों की लय भी तय करेगा। यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर असली मुकाबली बीजेपी और एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के बीच है। बीजेपी और उनके सहयोगियों ने 2014 में यूपी में 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें आठ सीटें वे भी थी जहां आज वोटिंग हो रही है। 
 
हालांकि भगवा पार्टी मायावती के दलितों और अखिलेश यादव के यादव वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। वहीं आरएलडी के अजित सिंह की पहुंच महज शुरूू के दो फेज तक ही सीमित है। अजित सिंह का दबदबा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित है। 
 
यूपी के अलावा, महाराष्ट्र की नागपुर एक और वीआईपी सीट है, जहां से बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन गडकरी मैदान में हैं। यहां उनका सामना बीजेपी के बागी और ओबीसी नेता नाना पटोले मैदान में हैं, जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस जॉइन की थी। 
 
आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं, यहां टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है। ये दोनों ही पार्टियां दिल्ली में सरकार बनाने में अहम रोल निभाएंगी। जहां टीडीपी पूरी तरह से मोदी सरकार के विरोध में कांग्रेस के साथ नजर आ रही है, वहीं वाईएसआर के जगनमोहन ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

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