ज्यादा ठंड से हायपोथर्मिया होने के चांस

दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में इस वक्त जबरदस्त ठंड पड़ रही है। ऐसे में सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। ज्यादा ठंड से हायपोथर्मिया जैसी खतरनाक स्थिति भी पैदा हो सकती है जिसमें बॉडी का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है।
यह कंडिशन ज्यादातर ऐसे लोगों में दिखाई देती है जिनका घर नहीं होता और कड़ाके की ठंड में जो बाहर रहने पर मजबूर होते हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि सामान्य लोग भी इस कंडिशन से प्रभावित हो सकते हैं। ज्यादा देर तक ठंड में रहने से बुजुर्गों में इस कंडिशन के होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसकी वजह यह है कि उनका मेटाबॉलिक रेट कम होता है, जिससे नॉर्मल बॉडी टेम्परेचर मेनटेन करना मुश्किल होता है।

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हमारी बॉडी में ठंड से बचने के लिए एक सिस्टम होता है जिसे थर्मोस्टैट कहते हैं। जब हमारा शरीर ज्यादा ठंड का सामना करता है तो शरीर कांपने लगता है। अगर इंसान ज्यादा देर तक इस कंडिशन में रहे तो उसे हायपोथर्मिया होने के चांस बढ़ जाते हैं। किसी गरम जगह पर जाने या खुद को गरम कपड़े में लपेटने से काफी राहत मिल सकती है।

हायपोथर्मिया के लक्षण
कन्फ्यूजन या नींद आना
कांपना या हाथ-पैर जकड़ जाना
पल्स धीमी होना या हाथ-पैर हिलाने में दिक्कत होना
बोलने में दिक्कत

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