बिहार के मुजफ्फरपुर में 12 और बच्चों की मौत, अब तक 95 ने तोड़ा दम

मुजफ्फरपुर    
भीषण गर्मी के बीच बिहार के मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों में फैले दिमागी बुखार से 15वें दिन शनिवार को 12 बच्चों की मौत हो गई। आठ मौत एसकेएमसीएच व चार मौत कांटी पीएचसी में हुई। इसमें तीन इलाजरत बच्चों की मौत हुई है। वहीं, एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल मिलाकर 54 नए मरीज भर्ती हुए। एसकेएमसीएच में 34 व केजरीवाल में 20 नए बच्चे भर्ती कराए गए। अबतक चमकी बुखार के 297 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 95 बच्चों ने दम तोड़ दिया। 

हालांकि, विभागीय रिपोर्ट के अनुसार अभी 220 मामले ही सामने हैं जिनमें 62 बच्चों की मौत हुई है। एईएस से बच्चों की हो रही मौत को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने एसकेएमसीएच पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। प्रधान सचिव ने कहा कि एईएस के प्रोटोकॉल पर बेहतर इलाज हो रहा है। एम्स पटना के पीआईसीयू सीसीयू के विशेषज्ञ डॉ. रामानुज शर्मा की सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की गई है। इस क्षेत्र के छह नर्सिंग स्टॉफ की भी तैनाती की कर दी गई है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का मुजफ्फरपुर दौरा आज 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन बचाव कार्यों की जानकारी लेने रविवार को मुजफ्फरपुर आएंगे। हर्षवर्धन 10.30 बजे मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जाएंगे। वहां वे दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे।
कानपुर में बच्चों पर नए दिमागी बुखार का हमला 
बच्चों पर नए तरह के दिमागी बुखार का हमला हुआ है। पांच बच्चे हैलट के बाल रोग विभाग में भर्ती कराए गए हैं। इन बच्चों की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली और खुद के हारमोन दुश्मन बने हुए हैं। डॉक्टर इसे आटो इम्यून एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम मान रहे हैं। भर्ती बच्चों की हालत गम्भीर है। बाल रोग विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों के दिमाग में सूजन है। अभी तक एक्यूटर इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के जो मरीज आते थे उनमें लक्षण अलग थे। 

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