राजनीतिक चेहरे जिन्होंने 2019 में लगाए अदालतों के चक्कर, किसी को बेल, कोई दोषी साबित

 
नई दिल्ली

समय का पहिया तेजी से दौड़ रहा है और साल 2019 की समाप्ति में महज 2 दिन बाकी रह गए हैं। यह साल कई महत्वपूर्ण घटनाओं और बड़े विधायी फैसलों के लिए याद तो किया ही जाएगा,वहीं यह ऐसा साल भी रहा जब केंद्रीय व क्षेत्रीय राजनीति के कद्दावर चेहरे और गैरराजनीतिक रसूखदार लोगों को या तो जेल की हवा खानी पड़ी या फिर कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़े। इनमें पूर्व वित्त मंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश राज्य मंत्री रहे एम जे अकबर, कर्नाटक के पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार, यूपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर , एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का नाम प्रमुख रहा।
 
 आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई और फिर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अरेस्ट किए गए चिदंबरम को 105 दिन तक तिहाड़ में रहना पड़ा। उन्हें 4 दिसंबर को जमानत मिली। 74 साल के चिदंबरम 21 अगस्त को सीबीआई ने अरेस्ट किया था और फिर 16 अक्टूबर को ईडी ने अरेस्ट किया था। आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ का फायदा पहुंचाने के आरोप में सीबीआई ने 10 साल बाद मई 2017 में चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया था।

डी. शिवकुमार
कांग्रेस नेता और कर्नाटक में सात बार विधायक रहे 57 वर्षीय शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के तहत कथित अपराधों के आरोप में 3 सितंबर को गिरफ्तार किया। उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 अक्टूबर को जमानत दी। शिवकुमार 2016 में नोटबंदी के बाद से आयकर विभाग और ईडी के रेडार पर हैं। उनके नई दिल्ली स्थित फ्लैट पर दो अगस्त 2017 को आयकर विभाग की तलाशी के दौरान 8.59 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई थी। इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार सहयोगियों के खिलाफ आयकर अधिनियम-1961 की धारा-277 और 278 के साथ ही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-120 (बी), 193 और 199 के तहत मामले दर्ज किए थे।

एम जे अकबर
सोशल मीडिया पर चर्चित रहे मीटू कैम्पेन के दौरान महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने विदेश राज्यमंत्री और पूर्व पत्रकार एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। जब यह कथित घटना हुई थी उस वक्त अकबर एक अंग्रेजी दैनिक के संपादक थे। रमानी के बाद 19 और महिला पत्रकारों ने ऐसी ही आरोप लगाए थे। इन आरोपों के कारण मोदी सरकार की किरकिरी हो रही थी और अंततः अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। अकबर ने इन आरोपों को लेकर रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया है।

कुलदीप सेंगर
उन्नाव से बीजेपी के विधायक रहे कुलदीप सेंगर पर एक नाबालिग लड़की के साथ रेप का जब आरोप लगा तो यूपी की योगी सरकार चौतरफा हमले से घिर गई। बेटी बचाओ की बात कहने वाली बीजेपी को आखिरकार सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। वहीं, रेप का केस यूपी से बाहर दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा था जिसने कुलदीप को मामले का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर
रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड से जुड़े 740 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा केस में सिंह बंधुओं फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को अरेस्ट किया गया। उनके अलावा कंपनी के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी फिलहाल तिहाड़ में बंद हैं।

रॉबर्ट वाड्रा
दिल्ली की एक अदालत ने धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को अग्रिम जमानत देते हुए उन्हें अन्य शर्तों के साथ पूर्व अनुमति लिए बिना देश न छोड़ने का आदेश दिया। उन पर लंदन में ब्रायनस्टोन स्क्वॉयर में 1.9 मिलियन पाउंड की प्रॉपर्टी खरीदने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस चल रहा है। वह पिछळे कुछ सालों से जांच एजेंसियों के रेडार पर हैं। उनसे मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई बार पूछताछ हो चुकी है।

रतुल पुरी
एमपी सीएम कमलनाथ के भांजेकारोबारी रतुल पुरी को अगुस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले और बैंक जालसाजी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। उन्हें दोनों मामलों में चार महीने बाद जमानत मिली। ईडी ने पुरी को 20 अगस्त को गिरफ्तार किया था। रतुल पर अपनी कंपनियों के जरिये से अगुस्टा डील में कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप हैं। रतुल के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी धोखाधड़ी का केस दर्ज कराय था। जिस संबंध में भी ईडी रतुल और मोजर बेयर कंपनी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था । बैंक का दावा है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने बैंक से कोष जारी कराने के लिए जाली कागजात बनाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *