जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों लोगों ने दिल्ली की जामा मस्जिद पर नागरिकता कानून के विरोध में किया प्रदर्शन

 नई दिल्ली 
दिल्ली में भले ही कड़ाके ही ठंड पड़ रही हो लेकिन उन प्रदर्शनकारियों के ऊपर इसका थोड़ा सा भी असर नहीं दिख रहा था जो लाल किला के सामने मस्जिद पर एकजुट होकर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना विरोध जाहिर कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर वो लोग थे जो शुक्रवार की जुमे की नमाज पढ़ने आए थे। उन्होंने नए कानून और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा- “इस देश को एनआरसी, एनपीआर नहीं चाहिए। इस देश को रोजगार चाहिए। इस देश को अमन और शांति चाहिए।”

प्रदर्शनकारियों के हाथों में जो पोस्टर्स थे और उसमें साफ लिखा था- “संविधान को बचाओ, भारत को मत बांटो।” इसके साथ ही, लोगों से यह अपील भी की कि अहिंसा बनाए रखें। कांग्रेस नेता अलका लांबा और दिल्ली के पूर्व विधायक शोएब इकबाल भी उन सैकड़ों प्रदर्शनकारियों में शामिल थे।

लांबा ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ''देश में असल मुद्दा बेरोजगारी का है लेकिन आप (प्रधानमंत्री) लोगों को एनआरसी के लिए लाइन में खड़ा करना चाहते हैं जैसा नोटबंदी के दौरान किया गया था।
 
उन्होंने कहा, ''देश और संविधान के लिए लोकतंत्र की आवाज उठाना आवश्यक है। केंद्र सरकार तानाशाह नहीं हो सकती और लोगों पर अपना एजेंडा नहीं थोप सकती है। मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने नये कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ नारेबाजी की।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ''इस देश को एनआरसी, एनपीआर नहीं चाहिए। इस देश को रोजगार चाहिए। इस देश को अमन और शांति चाहिए। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिन पर लिखा था — 'संविधान बचाओ, देश मत बांटो। उन्होंने लोगों से हिंसा नहीं करने की अपील की।

पूर्व विधायक ने कहा, ''जो लोग हिंसा करते हैं वे हममें से नहीं हैं। यह आंदोलन है और यह जारी रहेगा। अगर कोई हमारी शांति को भंग करता है तो वह हममें से नहीं है और वह हमारे आंदोलन को भटकाना चाहता है। हम हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे।

दिल्ली यूथ कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा- “नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उठ रही सैकड़ों आवाजों का हम समर्थन करते हैं।”

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