कर्नाटक संकट पर भाजपा ने खुले रखे विकल्प, अगले दो दिन बेहद अहम

 नई दिल्ली
 
कर्नाटक के गहराते राजनीतिक संकट में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। गठबंधन के 13 विधायकों के इस्तीफे व एक निर्दलीय विधायक के भाजपा को समर्थन देने से कुमारस्वामी सरकार अल्पमत की स्थिति में पहुंच गई है। भाजपा भले ही इसमें अपना हाथ होने से इनकार कर रही है, लेकिन उसके नेता पूरी तरह से सक्रिय हैं। सरकार गिरने की स्थिति में भाजपा अपनी सरकार बनाने के साथ राष्ट्रपति शासन के विकल्प पर भी विचार कर रही है।

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राज्य की स्थिति पर कड़ी नजर रखे हैं, जबकि राज्य के नेता अपने विधायकों को लामबंद करने के साथ कांग्रेस व जेडीएस के बागी नेताओं के इस्तीफों के बाद अपनी सरकार की संभावनाएं तलाश रहे हैं। भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने की तैयारी में हैं, लेकिन अभी तक केंद्रीय नेतृत्व ने इस बारे में कोई संकेत नहीं दिए हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है। वह जनता की भी नब्ज टटोल रहा है। अगर स्थिति अनुकूल लगी तो वह कुमारस्वामी सरकार गिरने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन व नए चुनावों के विकल्प को पसंद करेगी। 

एक साल पहले ही हुए थे चुनाव 
भाजपा के कर्नाटक से जुड़े एक प्रमुख नेता ने कहा कि अंतिम समय में बनने वाली स्थिति तो नजर में रखा जाएगा। चूंकि राज्य में विधानसभा चुनाव को अभी एक साल ही हुआ है। ऐसे में क्या नए चुनाव में जाया जाए या फिर मौजूदा आंकड़ों में भी सरकार बनाई जाए। इस नेता ने कहा कि कांग्रेस व जेडीएस ने जिस तरह से जनादेश के खिलाफ सरकार बनाई थी, उससे कर्नाटक की जनता बेहद नाराज है। अगर नए चुनाव होते हैं तो सरकार भाजपा की ही बनेगी। विधायकों के इस्तीफों के मंजूर होने के बाद सदन की प्रभावी संख्या भी घट जाएगी और विधानसभा सत्र बुलाए जाने पर भाजपा के पास सरकार से ज्यादा विधायक होंगे।

अगले दो दिन अहम 
कर्नाटक में अगले दो दिन बेहद अहम होंगे। विधानसभा अध्यक्ष मंगलवार को इस्तीफा देने वाले विधायकों के बारे में फैसला करेंगे। वह विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने से पहले उनसे मिल भी सकते हैं। मुंबई-गोवा घूम रहे विधायकों को बेंगलुरु आना पड़ेगा। ऐसे में निर्णय लेने में कुछ समय भी लग सकता है। इस बीच, सभी बागी विधायकों को मंत्री पद देने का नया दांव भी कांग्रेस-जेडीएस ने चला है।

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