जीएसटी फर्जीवाड़े पर लगाम के लिए सीईआईबी ने पीएमएलए के इस्तेमाल का दिया सुझाव

 नई दिल्ली 
केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (CEIB) ने सुझाव दिया है कि फर्जी जीएसटी इनवॉइस के जरिये इनपुट टैक्स क्रेडिट में होने वाले फर्जीवाड़े को प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) कानून के इस्तेमाल से रोका जा सकता है। सीईआईबी के हाल के एक प्रस्ताव के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में दिसंबर तक फर्जी जीएसटी इनवॉइस जेनरेट कर सरकार को 4,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया।  
 
वास्तव में यह आंकड़ा मुखौटा कंपनियों के जरिये टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का बस छोटा सा हिस्सा है। जीएसटी खुफिया महानिदेशालय ने पिछले साल अपनी जांच में 24,000 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस को पकड़ा था। 

सीईआईबी के अध्ययन के मुताबिक, राज्य स्तर पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जी दावे का मामला काफी बड़ा हो सकता है। माल की ढुलाई किए बिना इनवॉइस जेनरेट किए जाते हैं और आपूर्तिकर्ता आने वाले समय में इन फर्जी इनवॉइस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करते हैं। 
 
इन फर्जी लेनदेन के आधार पर कमाए गए पैसे वास्तव में काले धन होते हैं और मुखौटा कंपनियों के जरिये इन्हें सफेद किया जाता है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार इकनॉमिक इंटेलिजेंस की नोडल एजेंसी सीईआईबी के जरिये देशभर में विभिन्न रेवेन्यू इंटेलिजेंस एजेंसियों द्वारा जांच किए जा रहे आर्थिक अपराध के मामलों पर नजर रखती है।

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