सरकार ने उठाए ये कदम, इस साल भी ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में सुधार की उम्मीद

 
नई दिल्ली

कंपनी स्थापित करने के नियमों में ढील, गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पंजीकरण के लिए बैंक खाते की अनिवार्यता को समाप्त करने जैसे कदमों से भारत को इस साल विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में अपनी स्थिति और सुधारने में मदद मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। उन्होंने कहा, 'सरकार ने सभी दस मानदंडों पर कई कदम उठाए हैं। इससे निश्चित रूप से भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार करने में मदद मिलेगी।'
 
विश्व बैंक अपनी सालाना ईज ऑफ डूइंग बिजनस रिपोर्ट में विभिन्न देशों को उनके यहां कारोबार शुरू करने और कारोबार करने से संबंधित दस मानकों के आधार पर रैंकिंग देता है। इसमें 190 देशों को रैंकिंग दी जाती है। 
 
उठाए गए ये कदम 
सरकार की ओर से जो अन्य कदम उठाए गए हैं उनमें कई फॉर्म को एक में मिलाना, 15 लाख रुपये तक की अधिकृत पूंजी वाली कंपनियों के लिए शुल्क समाप्त करना, कंपनी सील या रबड़ स्टॉम्प को समाप्त करना और ईपीएफओ और ईएसआईसी के पंजीकरण को जोड़ना शामिल है। 

सरकारी अधिकारी ने कहा कि कंपनियों के व्यापार के अनुभव को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इन सुधारों में सभी आयात और निर्यात सौदों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, बंदरगाह और टर्मिनल ऑपरेटरों जैसे सभी अंशधारकों को साझा मंच पर एकीकृत करना और बंदरगाहों पर माल की खेप को निकालने के लिए तेजी से मंजूरी शामिल है। 

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