बैंकों ने जेट का 31.4 से 75% स्टेक ऑफर किया, पहले दिन एक भी बोली नहीं मिली
मुंबई
जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों ने संभावित निवेशकों को कंपनी में 31.4-75 पर्सेंट तक हिस्सेदारी ऑफर की है, लेकिन वित्तीय संकट में फंसी एयरलाइन की बिडिंग प्रक्रिया के पहले दिन किसी भी निवेशक की बोली नहीं मिली। दो सूत्रों ने बताया कि संभावित निवेशकों की तरफ से सवाल भी नहीं आए। निवेशक जेट के लिए 10 अप्रैल की शाम 6 बजे तक एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट यानी अभिरुचि पत्र दे सकते हैं।
इनसे है उम्मीद
जेट को कर्ज देने वाले बैंकों ने एसबीआई के नेतृत्व में इसके लिए प्राइवेट इक्विटी फंड टीपीजी, भारत सरकार के निवेश वाले नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड (एनआईआईएफ), अमेरिका की डेल्टा एयरलाइंस के साथ-साथ टाटा और अडानी जैसे बिजनस समूहों से संपर्क किया है। बैंकों को आने वाले दो दिनों में निवेशकों की प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। जेट में कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी, यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर निर्भर करता है। बैंकों ने कंपनी को जो कर्ज दिया है, उसके जितने हिस्से को शेयरों में बदलने की इजाजत आरबीआई देगा, उतनी हिस्सेदारी ही वे बेच पाएंगे।
RBI का सर्कुलर रद्द होने से बदल गया माजरा
एक सूत्र ने बताया कि बैंक अभी सिर्फ 31.4 पर्सेंट शेयर किसी निवेशक को बेच सकते हैं, जो उनके पास जेट के संस्थापक नरेश गोयल ने गिरवी रखे हैं। गोयल को 10 दिन पहले एयरलाइन के बोर्ड से हटना पड़ा था और चेयरमैन का पद भी छोड़ना पड़ा था और बैंक कंपनी को दिए गए कर्ज को शेयरों में बदलकर जेट में 51 पर्सेंट हिस्सेदारी लेने को तैयार हुए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आरबीआई के 12 फरवरी 2018 के सर्कुलर को रद्द करने से इस पर भ्रम पैदा हो गया है। इसी सर्कुलर के तहत बैंकों ने कंपनी को दिए गए कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग की सहमति दी थी।
अब RBI की मंजूरी का इंतजार
RBI का सर्कुलर के रद्द होने के कारण अभी जेट के 51 पर्सेंट शेयर पहले की तरह गोयल के पास हैं और 24 पर्सेंट हिस्सेदारी पार्टनर एतिहाद एयरवेज के पास। बैंकों को अब लोन को शेयर में बदलने पर आरबीआई की मंजूरी का इंतजार है। अगर किसी वजह से रिजर्व बैंक इस पर राजी नहीं होता है तो संभावित निवेशक 31.4 पर्सेंट स्टेक ही खरीद पाएगा। इसके साथ उसे ओपन ऑफर लाना होगा, जिससे निवेशक की हिस्सेदारी कंपनी में बढ़कर 51 पर्सेंट से अधिक हो सकती है। एक अधिकारी ने बताया, 'बैंकों के पास अप्रूवल या नए सर्कुलर का इंतजार करने का वक्त नहीं है क्योंकि जेट को तुरंत कैश की जरूरत है। इसलिए बैंकों और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने बिडिंग प्रोसेस शुरू कर दिया है। वे कंपनी के अधिक शेयर ऑफर करने के लिए गोयल और एतिहाद से बातचीत कर रहे हैं।'
एतिहाद के पास दो विकल्प
जेट में 24 पर्सेंट हिस्सेदारी रखने वाली एतिहाद को बैंक ओपन ऑफर लाने के लिए मना रहे हैं। हालांकि, पश्चिम एशिया की विमानन कंपनी ने इससे छूट की शर्त रखी है। एसबीआई ग्रुप के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि ओपन ऑफर से शायद ही छूट दी जाए। ऐसे में एतिहाद को या तो दूसरे निवेशकों के साथ मिलकर बोली लगानी होगी या पहले के फैसले के मुताबिक उसे कंपनी से निकलना होगा।