जम्‍मू-कश्‍मीर के नेताओं ने राज्‍यपाल से की मुलाकात, सत्‍यपाल मलिक बोले-अफवाहों पर न दें ध्‍यान

श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर में सरकार की ओर से जारी सिक्यॉरिटी अडवाइजरी और घाटी में बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों की तैनाती के बाद पैदा हुए तनावपूर्ण माहौल के बीच महबूबा मुफ्ती और शाह फैसल समेत राज्‍य के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने देर रात राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक से मुलाकात की। नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने कश्‍मीर में 'भयपूर्ण वातावरण' पर चिंता जताई। कश्‍मीरी नेताओं की चिंता पर राज्‍यपाल ने उन्‍हें अफवाहों पर ध्‍यान नहीं देने की सलाह दी।

राज्‍यपाल मलिक ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमला होने की विश्‍वसनीय सूचना थी। इसी वजह से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी से लौटने के लिए अडवाइजरी जारी की गई है। उन्‍होंने कहा कि आतंकवादी फिदायिन हमला कर सकते हैं। इसी खतरे को देखते हुए सरकार ने यात्रियों और पर्यटकों को कश्‍मीर छोड़ने के लिए कहा है।

'समर्थकों को समझाएं और अफवाहों पर ध्‍यान न दें'
मलिक ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने समर्थकों को समझाएं और अफवाहों पर ध्‍यान न दें। उन्‍होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। राज्‍यपाल ने कहा कि अनुच्‍छेद 35-A को निरस्‍त करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। कश्‍मीरी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में शामिल पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने राज्‍यपाल से मुलाकात के बाद ट्वीट कर कहा कि हमने राज्‍यपाल से अपील की है कि अफवाह को खत्‍म करें जिससे घाटी में तनाव का माहौल पैदा हो गया है।

महबूबा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ न की जाए। उन्होंने कश्मीर में अव्यवस्था जैसी स्थिति होने का दावा करते हुए ट्वीट किया, 'श्रीनगर की सड़कों पर अव्यवस्था जैसी स्थिति फैल गई है। लोग सड़कों पर इधर-उधर भाग रहे हैं। एटीएम, पेट्रोल पंप पर लोग लाइन लगा रहे हैं। दुकानों से जरूरी सामानों को इकट्ठा किया जा रहा है। क्या भारत सरकार केवल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है, जबकि कश्मीरियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।' महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीर में 'कुछ बड़ा' प्लान किया जा रहा है

अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को लौटने कहा
बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को सिक्यॉरिटी अडवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी से जितना जल्दी मुमकिन हो, लौटने की व्यवस्था करने को कहा है। इस अडवाइजरी के बाद से सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है। कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए पीडीपी और नैशनल कॉन्फ्रेंस समेत वहां के क्षेत्रीय दलों ने आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद ये नेता राज्‍यपाल से मिलने गए।

इस बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने सभी एयरलाइन कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को श्रीनगर से लाने के लिए अतिरिक्त विमानों को तैयार रखें। जम्मू रूट से अमरनाथ यात्रा को 4 अगस्त तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रटरी (होम) की तरफ से जारी सिक्यॉरिटी अडवाइजरी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों से 'यात्रा की अवधि कम करने' और 'जल्द से जल्द लौटने' को कहा गया है।

कर्फ्यू को लेकर फैल रही हैं झूठी सूचनाएं
राज्य सरकार की अडवाइजरी के बाद कश्मीर में तरह-तरह की अफवाहें भी फैल रही हैं। ऐसी ही एक अफवाह विभिन्न इलाकों में कर्फ्यू लागू किए जाने को लेकर है। प्रशासन ने इन अफवाहों का खंडन किया है। जम्मू-कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर बशीर अहमद खान ने कहा कि कर्फ्यू नहीं लगाया गया है और ऐसा कोई निर्णय भी नहीं लिया गया है। शनिवार को स्कूल भी खुले रहेंगे। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गृह विभाग ने पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर अडवाइजरी जारी की थी।

स्कूल बंद रहेंगे की भी फैली अफवाह
घाटी में स्कूलों के बंद रहने की भी झूठी खबर फैली हुई है। सूबे के स्कूली शिक्षा विभाग ने इन अफवाहों का खंडन किया है। विभाग ने बयान जारी कर कहा है कि स्कूलों के अगले 10 दिनों तक बंद रहने की सूचनाएं झूठी हैं। स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में 38000 जवानों की तैनाती और राज्य सरकार की तरफ से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी से लौटने की अडवाइजरी के बाद कश्मीर घाटी में तरह-तरह की अटकलें जोर पकड़ रही हैं।

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