जब विवादित नाटक लिखने पर सरकार ने उत्पल दत्त को भेज दिया था जेल

 
नई दिल्ली   
 
फिल्म गोलमाल (1979) में अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीतने वाले भवानी शंकर यानी उत्पल दत्त का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 29 मार्च, 1929 को पूर्वी बंगाल (ब्रिटिश भारत) के बारीसाल में एक हिन्दू परिवार में हुआ था. इनके ‌पिता का नाम गिरिजारंजन दत्त था. उत्पल ने 1945 में मेट्रिक की परीक्षा पास की और 1949 में सेंट जेवियर कॉलेज, कोलकाता से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की.

उत्पल दत्त ने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत 1940 में अंग्रेजी थिएटर से जुड़कर की. उन्हें शेक्सपियर साहित्य से बेहद लगाव था. इस दौरान उन्होंने थिएटर कंपनी के साथ भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी कई नाटकों का मंचन किया. नाटक ओथेलो के लिए उन्हें काफी प्रशंसा मिली थी. बाद में उत्पल का रुझान अंग्रेजी से बंगाली नाटक की ओर गया.

1950 के बाद उन्होंने एक प्रोडक्‍शन कंपनी जॉइन कर ली और यहां से उन्होंने बंगाली फिल्मों के लिए काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान उन्होंने थियेटर का साथ नहीं छोड़ा. उन्होंने कई नाटकों को निर्देशन ही नहीं बल्कि लेखन कार्य भी किया. उन्होंने बंगाली राजनीति पर ऐसे कई नाटक लिखे जिन्होंने विवादों को जन्म दिया.

उत्पल दत्त एक्टिंग के साथ-साथ नाटक लिखने के भी शौकीन थे. उनके कई नाटक उस समय की राजनीतिक परिस्थितियों पर तंज कसते थे. कई नाटक विवादों में रहे. उत्पल के लिखे नाटकों से उस समय की राजनीतिक पार्टियां काफी परेशान रहती थीं. इसलिए जब भी उत्पल कुछ लिखने की तैयारियां शुरु करते थे तो पार्टियां पहले ही उन्हें रोकने के इंतजाम करना शुरु कर देती थीं.

उत्पल वामपंथी विचारधारा से काफी प्रभावित थे. वे वामपंथी दलों के लिए नाटक लिखा करते थे. उनके नाटक ऐसे विषय पर होते थे कि सरकार को  उनकी देशभक्ति पर शक होने लगा. उस दौरान उन्हें अंगार और कल्लोर नाटक लिखने पर बिना किसी ट्रायल के जेल भेज दिया गया था. 19 अगस्त 1993 को उत्पल दत्त का निधन हो गया था. उन्होंने लगभग 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. उत्पल को डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्में गोलमाल, नरम गरम और रंग बिरंगी के लिए कॉमेडी का फिल्मफेयर मिला था.

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