जब मुंबई आए तो ये काम करते थे सुनील दत्त, ना फिल्में, ना रेडियो में नौकरी

 
नई दिल्ली
 
बॉलीवुड एक्टर सुनील दत्त इंडस्ट्री में एक महान अभिनेता के साथ-साथ एक दमदार शख्सियत के तौर पर भी जाने गए. जितना बढ़ियां उन्होंने फिल्मों में काम किया उतना ही सफल उनका पॉलिटिकल करियर भी रहा. एक्टर के जीवन की शुरुआत मगर कठिनाइयों से भरी रही. जब वे नए-नए मुंबई आए तो उन्हें पैसे कमाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था.

दत्त साहब ने फारूख शेख के शो जीना इसी का नाम है में शिरकत की थी. इस दौरान उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती समय के संघर्ष के बारे में बताया था. थोड़ी तलाश की जाए तो इस बात का पता चलता है कि वे एक्टर बनने से पहले रेडियो में थे और उस जमाने के नामी एक्टर्स के इंटरव्यू लिया करते थे. मगर रेडियो में नौकरी करने से पहले सुनील दत्त ने एक और काम किया था. इस बारे में मगर शायद बहुत कम लोग ही जानते हों.
 
जब सुनील दत्त नए-नए मुंबई में आए तब उन्होंने बस डिपो में भी नौकरी की थी. दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें ये करना पड़ा था. शॉप रिकॉर्डर का उनका काम था. उन्हें इस बात का रिकॉर्ड रखना रहता था कि जब बस आती थी तो उसमें कितना डीजल ऑयल डालना है. इस बात का रिकॉर्ड रखना होता था कि बस को डैमेज क्या हुआ है. उन्हें ये काम दोपहर के ढाई बजे से रात के साढ़े ग्यारह बजे तक करना पड़ता था.

घर पहुंचने के लिए करते थे मशक्कत

उस समय सुनील दत्त कॉलेज में पढ़ाई भी कर रहे थे. वे सुबह साढ़े सात बजे कॉलेज जाते थे. वे कॉलेज टाइम पर पहुंचे इसके लिए भी उन्हें संघर्ष करना पड़ता था. क्योंकि घर तक जाने के लिए आखिरी बस 12 बजे की होती थी और उन्हें काम पूरा करते-करते साढ़े ग्यारह बज जाते थे. ऐसे में अगर आखिरी बस भी छूट जाती तो उन्हें घर पहुंचने में देरी होती और कॉलेज भी समय पर पहुंचने के लिए उन्हें मशक्कत करनी पड़ती थी.
 
सुनील दत्त का जन्म 6 जून, 1929 को पंजाब में हुआ था. एक्टर ने अपने करियर में एक रोमांटिक हीरो से लेकर एक डाकू तक का रोल प्ले किया. उन्होंने मदर इंडिया, साधना, सुजाता, छाया, गुमराह, वक्त, खानदान, मेरा साया, हमराज, पड़ोशन, रेश्मा और शेरा, जख्म नागिन, जानी दुश्मन, राज तिलक, फूल और मुन्नाभाई एमबीबीएस में नजर आए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *