चंदा-दीपक कोचर, वीएन धूत के खिलाफ FIR पर दस्तखत करने वाले CBI ऑफिसर का तबादला

नई दिल्ली
CBI की बैंकिंग ऐंड सिक्यॉरिटीज फ्रॉड सेल के SP सुधांशु धर मिश्रा को रांची ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्हें झारखंड की राजधानी स्थित CBI की आर्थिक अपराध शाखा में भेजा गया है। मिश्रा ने ICICI-Videocon केस में 22 जनवरी को चंदा कोचर, दीपक कोचर, वीएन धूत एवं अन्य के खिलाफ FIR पर दस्तखत किया था। उसके बाद 24 जनवरी को सीबीआई की टीम ने महाराष्ट्र के चार ठिकानों पर छापे मारे थे।

जेटली की जाहिर की थी नाराजगी
सीबीआई की इस कार्रवाई पर अमेरिका में इलाज करा रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने लिखा था, हजारों किलोमीटर दूर बैठकर जब ICICI केस में संभावित टार्गेट्स की लिस्ट पढ़ी तो मेरे दिमाग में फिर वही पैदा हुआ- बिल्कुल टार्गेट पर नजर करने के बजाय, यह कहीं नहीं पहुंचने वाला सफर है।

उन्होंने सीबीआई की इस कार्रवाई को 'रोमांच की तलाश' बताया। उन्होंने लिखा, 'जांचकर्ताओं को मेरी सलाह- रोमांच तलाशने से बचें और महाभारत में अर्जुन को जो सीख दी गई गई, उसका पालन करें- सिर्फ लक्ष्य पर नजर गड़ाएं।'

बहरहाल, मिश्रा की जगह कोलकाता में सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा के एसपी बिस्वजीत दास को तबदला कर दिल्ली लाया गया है। वहीं, कोलकाता में सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा-IV के एसबी सुदीप राय को दास की जगह लाया गया है।

क्या है ICICI केस?
विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन का मामला है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था।

ऐसे आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय लाभ पहुंचाए गए। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया।

FIR में CBI ने क्या कहा?
सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने कथित तौर पर आईसीआईसीआई के साथ फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश के तहत दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर कुछ लोन पास कराए। इसी एफआईआर के आधार पर 24 जनवरी को सीबीआई के ऑफिसरों मुंबई में विडियोकॉन के नरीमन पॉइंट स्थित मुख्यालय पर भी तलाशी ली थी।

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