घाटी में तेज होगा आतंक विरोधी अभियान: डोभाल

श्रीनगर
अनुच्छेद 370 के अंत के बाद दोबारा जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गुरुवार को यहां सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। सुबह हुई बैठक में एनएसए ने एजेंसियों को राज्य में आतंक विरोधी ऑपरेशंस में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही अधिकारियों से कहा कि आतंक विरोधी ऑपरेशंस में यह भी प्रयास किया जाए कि ऐसी कार्रवाई से आम लोगों को कोई नुकसान ना हो।

श्रीनगर में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए। इस हाई लेवल मीटिंग के बाद अजीत डोभाल दिल्ली लौट गए। अधिकारियों ने बताया कि डोभाल ने सुरक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ कई बैठकें कीं। एनएसए ने अधिकारियों को कहा कि कश्मीर घाटी में ऐसा माहौल बनाने की दिशा में काम किया जाए कि आतंकवादी समूहों से भयभीत हुए बगैर आम आदमी अपनी दिनचर्या का ठीक तरीके से पालन कर सके।

'नागरिकों को ना हो जानमाल का नुकसान'
अधिकारियों ने बताया कि एनएसए ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि आतंकवाद निरोधक अभियान में तेजी लाई जाए। हालांकि अजीत डोभाल ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान के दौरान सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नागरिकों के जानमाल को नुकसान नहीं पहुंचे।

31 अक्टूबर को शपथ लेंगे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल
केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को प्राप्त विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के बाद डोभाल की यह घाटी की दूसरी यात्रा थी। दोनों केंद्र शासित क्षेत्र 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे और उसी दिन दोनों क्षेत्रों के पहले उपराज्यपाल शपथ ग्रहण करेंगे। केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की घोषणा करने के बाद एनएसए ने अपनी पहली यात्रा के दौरान यहां 11 दिनों तक डेरा डाला था।

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