कोर्ट में पेश हुए पी. चिदंबरम, सीबीआई ने मांगी 5 दिन की रिमांड, कहा- जांच में नहीं कर रहे सहयोग

आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम सीबीआई की राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेश किया। सीबीआई ने कोर्ट से चिदंबरम को 5 दिन की पुलिस रिमांड (सीबीआई रिमांड) पर भेजने की मांग की है। सीबीआई ने कोर्ट में केस डायरी भी पेश की। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम के लिए 5 दिन की रिमांड मांगते हुए कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनसे अभी और पूछताछ किए जाने की जरूरत है। कटघरे में खड़े चिदंबरम से जज ने बैठ जाने को कहा तो इस पर उन्होंने कहा कि वह ऐसे ही ठीक हैं।

सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि इस केस में ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब सिर्फ चिदंबरम दे सकते हैं। इसलिए उन्हें रिमांड पर दिया जाए। चिदंबरम के वकील विवेक तन्खा, दायन कृष्णन और वकील अर्शदीप सिंह खुराना काफी पहले ही कोर्ट पहुंच चुके थे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी भी कोर्ट पहुंचे। चिदंबरम की पत्नी और बेटा कार्ति चिदंबरम भी कोर्ट के बाहर मौजूद रहे। बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को सीबीआई ने बुधवार रात उनके घर से गिरफ्तार किया था।

ऐसे खुला मामला
विदेशी निवेश की आड़ में FIPB में चल रहे 'खेल' का खुलासा 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान एयरसेल-मैक्सिस डील की जांच से होनी शुरू हुई। इस डील में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर ही ईडी टीम का ध्यान मैक्सिस से जुड़ी कंपनियों से तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से जुड़ी कंपनियों में पैसे आने पर गया। जब ईडी मामले की तह तक पहुंची तो इस केस में घूसखोरी की परतें एक के बाद एक खुलती चली गईं। INX के प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी के सरकारी गवाह बनने के बाद चिदंबरम पर शिकंजा कसना शुरू हो गया।

INX केस में कब-क्या हुआ
INX को फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) ने मई 2007 में 4.62 करोड़ रुपये के निवेश के लिए स्वीकृति दी थी। FIPB ने यह स्पष्ट किया था कि कंपनी में 'डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट' के लिए अलग स्वीकृति की जरूरत होगी। डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट एक भारतीय कंपनी की ओर से अन्य में सब्सक्रिप्शन या शेयर्स खरीदने के जरिए इनडायरेक्ट फॉरन इन्वेस्टमेंट होता है। कंपनी ने कथित तौर पर डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट किया था और INX मीडिया में 305 करोड़ रुपये से अधिक का फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट हासिल किया था, जबकि कंपनी को 4.62 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट के लिए ही स्वीकृति मिली थी।

पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान अनियमितता का आरोप
बता दें कि 15 मई 2017 को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की अनियमितता के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। आरोप था कि FIPB ने आईएनएक्स मीडिया को 2007 में वित्त मंत्री के तौर पर पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विदेश से 305 करोड़ रुपये फंड देने के लिए क्लियरेंस देने में अनियमितता की थी। एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्डरिंग ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया था।

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