ग्रामीण से लेकर शहरी मिडिल क्लास और मजदूर-किसान तक, हर वोटर पर सरकार की नजर

 
नई दिल्ली 

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को पेश किए गए बजट में देश को हर तबके को खुश करने की कोशिश की है। जैसे कि पहले से ही उम्मीद जताई जा रही थी, यह बजट चुनावी साल में ढेर सारी योजनाएं भी लेकर आया। गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा और सैलरी क्लास समेत सभी को कुछ न कुछ दिया गया है। बजट का सबसे बड़ा ऐलान 5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करना और छोटे किसानों को वार्षिक भत्ते के साथ मजदूरों को आर्थिक मदद माना जा रहा है। इसके अलावा लंबे समय से सुस्त पड़े रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ऐलान कर सरकार ने अपर मिडिल क्लास को भी खुश किया है।  
 
तीन राज्यों में किसानों की कर्जमाफी के वादे के साथ गई कांग्रेस की जीत के बाद बीजेपी के लिए सबसे जरूरी इस तबके का साथ हो गया था, जो बीते चार सालों में दूर होता नजर आ रहा था। कांग्रेस न्यूनतम आय योजना को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने वाली थी, लेकिन उससे पहले बीजेपी सरकार ने बजट स्ट्रोक खेल दिया। सरकार का बजट केवल कहने के लिए अंतरिम रहा, शेष कहीं से भी पूर्ण बजट से कम प्रभावशाली नहीं लगा। दो हेक्टेयर या लगभग पांच एकड़ से कम भूमि स्वामित्व वाले छोटे किसानों को हर वर्ष 6,000 रुपये का भत्ता मिलेगा, इसे ऐलान का चुनाव में असर देखने को मिल सकता है। 
 
3 करोड़ लोगों को मिलेगी टैक्स से सीधी छूट 
बता दें, किसानों को मिलने वाली इस राशि को दो-दो हजार की तीन किश्तों में उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। संभव है कि चुनाव तक या उससे पहले एक किश्त किसानों के खाते तक पहुंच जाए और ग्रामीण वोटर्स को प्रभावित करे। इसके अलावा पांच लाख तक की आय वाले नागरिकों के लिए शून्य कर ऐसी राहत बनकर आया, जिससे हर मध्यमवर्गीय चेहरा खिला दिखा। अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस तबके का साथ बेहद जरूरी होगा और लगभग 3 करोड़ लोग इसका टैक्स-छूट का लाभ पाएंगे। 

असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पेंशन प्लान 
मजदूर और कामगारों के लिए सरकार एक पेंशन स्कीम भी लेकर आई, जिसमें उन्हें 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। इसके लिए उन्हें हर महीने 55 से लेकर 100 रुपये तक आपने खाते में जमा करवाने होंगे। यह जमा राशि मजदूरों की उस आयु पर निर्भर करेगी, जिसमें वे स्कीम से जुड़ने वाले हैं। पिछली तीन पेंशन और बीमा योजनाओं के बाद मजदूर वर्ग के लिए यह प्लान भी अंतरिम बजट में लोकसभा चुनाव को देखते हुए जोड़ा गया, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। 
 
चुनाव से पहले किसानों को मिल जाएंगे 2,000 
बजट में घोषित पेंशन स्कीम जहां 15 फरवरी को लॉन्च की जाएगी, वहीं किसानों के लिए 6,000 रुपये का समर्थन दिसंबर, 2018 से लागू किया गया है। स्पष्ट है कि इसकी पहली किश्त मार्च-अप्रैल तक उनके खातों में होगी, जिसके फौरन बाद लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। पीयूष गोयल ने एक पुरानी व्यवस्था को भी तोड़ा जिसमें मौजूदा सरकार बड़े टैक्स संबंधी बदलाव करने से बचती रही है। इसे चुनाव से अलग करते हुए उन्होंने कहा कि यह एनडीए सरकार की बदलाव आधारित नीतियों के तहत किया गया है। 

तटीय क्षेत्र में रहने वाले वोटर्स पर भी बीजेपी की नजर 
लोन पर ब्याज भरने से छूट संबंधि स्कीम का लाभ भी किसानों से बढ़ाकर अब मतस्यपालकों, मुर्गीपालन करने वालों और डेयरी व्यवसाय में लगे लोगों को मिल सकेगा। इसका मतलब है कि ऐसे व्यवसायों से जुड़े लोग अपना कर्ज चुकाते वक्त ब्याज दर पर पांच प्रतिशत तक की छूट पा सकेंगे। दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी सरकार उन राज्यों के तटीय क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं को भी आकर्षित करना चाहती है, जिन राज्यों में पार्टी मजबूत स्थिति में नहीं है। 
 

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