अमरिंदर की खरी-खरी, सिद्धू जवानों की शहादत का दर्द नहीं समझ सकते

नई दिल्ली                
पुलवामा आतंकी हमले के बाद दिए गए बयान से पंजाब सरकार में मंत्री नवोजत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गई हैं. विरोधी दल तो उनके खिलाफ पहले से मोर्चा खोले ही बैठे हैं, अब उन्हीं की पार्टी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू के बयान से किनारा कर लिया है. अमरिंदर सिंह ने इसे सिद्धू का निजी बयान बताया और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की लाइन इस पर अलग है.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है और किसी को रोका नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि सिद्धू से करतारपुर कॉरिडोर के वक्त भी पाकिस्तान न जाने के लिए कहा था लेकिन वो नहीं माने. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का स्टैंड इससे अलग है और पार्टी इस मुद्दे पर एकजुट है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं एक सिपाही रहा हूं और सिद्धू एक क्रिकेटर रहे हैं, इसलिए सिद्धू जवानों की भावनाओं को नहीं समझ सकते. उन्होंने कहा कि मैं सेना में रहा हूं और मुझे पता है कि जवानों की शहादत क्या होती है, लेकिन सिद्धू जवानों का दर्द नहीं समझ सकते.

कड़ा कदम उठाए सरकार

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू क्रिकेटर हैं और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री उनके दोस्त हैं, वो उनके साथ क्रिकेट खेला करते थे, हो सकता है उनकी सोच इस मुद्दे को लेकर अलग हो. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उनके मन में पुलवामा हमले को लेकर दुख न हो, पूरी पंजाब की जनता इसको लेकर दुखी है और चाहती है कि कोई कड़ा कदम उठाया जाए.

पाकिस्तान और आतंकवाद के सवाल पर कैप्टन ने कहा कि जैश ए मोहम्मद को आईएसआई गाइड करती है. आईएसआई के चीफ है जनरल बाजवा जिन्होंने इमरान खान को प्रधानमंत्री मंत्री बनाया है, ऐसे में साफ है कि जैश का हर कदम पाकिस्तान सरकार के इशारों पर होता है.  

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