ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए पुराना आर्थिक फार्मूला लागू करे केंद्र : कमलेश्वर पटेल

भोपाल
 पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं में केंद्र व राज्य सरकार क ी आर्थिक भागीदारी वाला पुराना फार्मूला लागू किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा,कि नए फार्मूले में केंद्रांश में बीस प्रतिशत की कमी व राज्यांश में बीस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी से समस्याएं पैदा हुई हैं। उन्होंने स्वीकार किया,कि बजट की कमी के चलते मनरेगा में खरीदी गई सामग्रियों व श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसके लिए उन्होंने केंद्र को जिम्मेदार बताते हुए कहा,कि मनरेगा का करीब साढ़े 5 सौ करोड़ रुपए का भुगतान अब तक राज्य सरकार को नहीं मिला है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि पहले जिस तरह केंद्र सरकार का अंशदान 80 प्रतिशत और राज्य का 20 प्रतिशत होता था। वहीं फ ार्मूला फि र लागू होना चाहिए, अभी अधिकांश योजनाओं में 60: 40 के अनुपात में योजनाएं क्रियान्वित करवाईं जा रही हैं। इसकी वजह से परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा के करीब 550 करोड़ रुपए नहीं दे रही है। इससे सामग्रियों और मजदूरी भुगतान भी लंबित हो गया है। इसमें मजदूरी के करीब ढाई सौ करोड़ शामिल हैं। उन्होंने कहा,कि महत्वपूर्ण योजनाओं में केंद्र सरकार को खासकर गरीब वर्ग के लिए तुरंत निर्णय लेना चाहिए। श्री पटेल ने कहा,कि वृक्षमित्र के नाम पर पूर्ववर्ती सरकार में करीब 550 करोड़ की राशि विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए खर्च की गई। इसके  नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। विधानसभा की समिति द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा,उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल,श्री पटेल ने मंगलवार को अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाई,लेकिन उनका जोर केंद्र सरकार पर सियासी तंज कसने पर ज्यादा रहा। श्री पटेल ने कहा,कि जिला व जनपद पंचायतों का पहला सम्मेलन अब चुनाव पूर्ण होने के 15 दिन के दरम्यान होगा। इसकी अवधि वर्तमान में 30 दिन है। इसका उद्देश्य  अध्यक्ष के चुनाव को लेकर संभावित जोड़-तोड़ व खरीद-फरोख्त को निरुत्साहित करना है। पंचायत मंत्री ने कहा,कि  ग्राम पंचायतों क ी विकास की योजनाएं ग्राम सभाएं ही तय करेंगी। सरकार के वादे के मुताबिक, प्रदेश में गौ-शालाओं के निर्माण को लेकर उन्होंने कहा,कि राज्य में एक हजार गौ शालाएं मनरेगा क ी मदद से तैयार कराई जाएंगी। इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।

 उन्होंने मनरेगा का स्मारक बनाने, देश को कांग्रेस मुक्त बनाने संबंधी सियासी बयानों पर पलटवार करते हुए कहा,कि परिस्थितियां अब तेजी से बदल रही हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने विभागीय अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह के  तबादले की वजह प्रशासनिक व नियमों के परे जाकर काम करना बताया। श्री पटेल ने कहा,कि सभी को  कानून के दायरे में काम करना चाहिए। नियम-कायदों की खिल्ली उड़ाने का अधिकार किसी को नहीं है। प्रदेश सरकार किसी को भी इसकी छूट नहीं दे सकती,जबकि विभाग क ी तत्कालीन अपर मुख्य सचिव नियम-प्रक्रियाओं से हटकर काम कर रही थीं। पंचायत मंत्री ने कहा, कि जहां तक उनके नौकरी छोडऩे का सवाल है तो यह उनका स्वयं का फैसला है। श्री पटेल ने कहा,कि विभागीय मंत्रियों को जो भी अधिकार मिले हैं, वे उसी का इस्तेमाल करते हैं। 

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