गुजारा भत्ते में मिले 2 करोड़ की राशि डेढ़ साल में उड़ाई, कोर्ट हैरान

 नई दिल्ली 
दिल्ली में जब एक महिला ने कोर्ट को बताया कि उसने अलग हो चुके पति से मिले गुजारा भत्ते के दो करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं और अब हर महीने पांच लाख रुपये गुजारा भत्ता चाहती है तो कोर्ट ने हैरानी जताते हुए पूछा कि महज डेढ़ साल के अंदर इतनी बड़ी राशि कैसे खर्च हो गई। इसके साथ ही कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाने से इनकार कर दिया।  
प्रिंसिपल जज मनोज जैन ने कहा, 'उनके पति अमीर और सामर्थ्यवान हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें अकेले अंतरिम गुजारा भत्ते की इजाजत दी जा सकती है।' कोर्ट ने हालांकि, माना कि महिला को आलीशान लाइफस्टाइल जीने की आदत हो गई है लेकिन उन्हें यह बताना होगा कि इतने कम वक्त में उन्होंने इतने सारे पैसे कहां खर्च किए। 

उधर, पति के वकील प्रभाजीत जौहर ने दलील दी कि पत्नी तलाक के सेकंड मोशन को फाइल करने नहीं पहुंची थीं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने खर्च किए पैसे का ब्यौरा नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि महिला ने अपने खर्च की जानकारी नहीं दी है। जानकारी के अभाव में यह बताना कठिन है कि महिला द्वारा पूरे दो करोड़ रुपये खर्च कर देना सही था या नहीं। 

इन दोनों के दो नाबालिग बच्चे हैं। उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल की थी और अप्रैल 2015 में एक एमओयू पर साइन किया था। इसके मुताबिक, पति को सैटलमेंट पर पत्नी पांच करोड़ रुपये देने थे। तलाक के फर्स्ट मोशन की फाइलिंग में पति ने दो करोड़ रुपये दिए थे। बाद की राशि छह महीने बाद सेकंड मोशन में देनी थी। पत्नी ने नवंबर 2017 में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि पति एमओयू के मुताबिक उसे पैसे नहीं दे रहा है। 

महिला ने यह भी कहा कि मई 2016 तक जब तलाक के पहले मोशन की अनुमति दी गई उसे अपने बच्चों और घरेलू खर्चों के लिए पांच लाख रुपये महीने दिए जाते थे। उसके बाद उसने हर महीने पांच लाख रुपये और 36 लाख रुपये एरियर की मांग की थी। 

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