गया हत्याकांड में पुलिस के नार्को टेस्ट की अपील खारिज
गया
गया के पटवाटोली में नाबालिग की निर्मम हत्याकांड में एसीजेएम-8 राजीव कुमार की अदालत ने संबंधित पक्ष की असहमति के बाद पुलिस के नार्को टेस्ट की अपील को खारिज कर दिया है. बुनियादगंज पुलिस के आवेदन के बाद कोर्ट ने जेल में बंद मृतक के पिता तुराज पटवा और सहयोगी लीला पटवा के साथ ही मां और बहन को नार्को एवं पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए नोटिस जारी किया था. इस नोटिस के बाद सभी पक्षों ने शुक्रवार को कोर्ट में उपस्थित होकर नार्को टेस्ट के लिए असहमति जताई, जिसके बाद कोर्ट ने नार्को टेस्ट के आवेदन को खारिज कर दिया.
मृतका के परिवार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील परवेज अख्तर ने बताया कि आवेदन खारिज करने के साथ ही कोर्ट ने सरकारी पक्ष के प्रति इस बात के लिए नाराजगी जताई कि उसने मृतक की नाबालिग बहन को बालिग बताकर नार्को टेस्ट के लिए नोटिस करवा दिया.
गौरतलब है कि इस चर्चित हत्याकांड को लेकर शुरू से ही पुलिस कार्रवाई पर विभिन्न पक्षों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं. नार्को मामले में भी पुलिस की कार्रवाई पर गुरुवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा मृतक की नाबालिग बहन को नोटिस किए जाने पर नाराजगी जताई थी. दरअसल पुलिस ने उनकी उम्र 19 साल बताई थी जबकि आधार कार्ड में अंकित जन्म तिथि के अनुसार बहन की उम्र 17 साल ही हो पाई थी.
इससे पहले, गायब होने की सूचना देने पर पुलिस द्वारा समुचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप पीड़ित परिवार और पटवा समाज द्वारा लगाया गया था और 6 जनवरी को शव मिलने के बाद मृतक को न्याय दिलाने के लिए 5 हजार से ज्यादा लोगों की ओर से कैंडल मार्च निकाला गया था जिसके तुरंत बाद पुलिस ने मृतक के पूरे परिवार को पूछताछ के लिए घर से उठा लिया था और पूरे मामले को ऑनर कीलिंग बताते हुए पिता एवं उनके एक सहयोगी को जेल भेज दिया था. मृतक की बहन ने पूछताछ के दौरान पुलिस पर टार्चर करने का आरोप लगाया था.
इसके साथ ही मृतक की मां ने कहा कि उनकी बेटी का श्राद्धकर्म अभी तक नहीं हुआ है और उनके पति जेल से जब तक छूट कर वापस नहीं आएंगे, तब तक वह श्राद्ध कर्म नहीं करेगी. वह श्राद्ध कर्म के लिए पति के जेल से वापस आने का इंतजार करेगी क्योंकि उनके घर में कोई दूसरा पुरुष नहीं है. उनकी चार बेटियों में से एक की निर्मम हत्या हो गई और तीन बेटियां नाबालिग हैं.