क्या जेल से बाहर आएगा राम रहीम? पैरोल देने की जल्दबाजी में हरियाणा सरकार

चंडीगढ़
बलात्कार के दो मामलों में 20 साल की सजा भुगत रहा गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर आने के लिए बेताब है, तो हरियाणा सरकार उसे वापस डेरे में पहुंचाने की तैयारी कर रही है. सरकार और बाबा की जल्दबाजी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि नियम कानून भी आड़े नहीं आ रहे हैं.

मजे की बात यह है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, जेल मंत्री कृष्ण पवार और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खुद गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने की पैरवी की है. अनिल विज ने तो यहां तक कह दिया कि गुरमीत सिंह राम रहीम एक आम इंसान के अधिकार के चलते पैरोल का हकदार है.

नियमों के मुताबिक दो साल की सजा पूरी होने के बाद ही पैरोल दी जा सकती है, लेकिन गुरमीत राम रहीम ने दो साल पूरे होने से पहले ही पैरोल के लिए अर्जी दाखिल कर दी. उधर, सुनारिया जेल प्रशासन ने दो साल की अवधि पूरी होने से पहले ही पैरोल के आवेदन को स्वीकार कर यह साबित कर दिया है कि बाबा का दबदबा आज भी कायम है.

गौरतलब है कि हरियाणा में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. गुरमीत राम रहीम के डेरे का मुख्यालय सिरसा में है. हरियाणा में उसके अनुयायियों की संख्या लाखों में है. अगर गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी जाती है, तो इसमें एक और जहां सरकार का फायदा है. वहीं दूसरी और बाबा को भी खुली हवा में सांस लेने का मौका मिलेगा.

उसके आ जाने से सिरसा में सुनसान पड़ा डेरा सच्चा सौदा फिर से गुलजार हो जाएगा. राम रहीम डेरे में लौटकर फिर से अपने समर्थक जमा कर सकता है. वहीं सरकार इसके एवज में अपना वोट बैंक मजबूत कर सकती है. हालांकि हरियाणा सरकार के इस फैसले का चारों और विरोध हो रहा है.

दो साल पहले पंचकूला सहित कई स्थानों पर हुए खून खराबे को याद करके लोग आज भी सिहर उठते हैं. उधर, हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने माना है कि हरियाणा के गृह विभाग के पास गुरमीत राम रहीम का पैरोल आवेदन पहुंचा है, लेकिन सरकार ने फिलहाल उसके आवेदन पर कोई फैसला नहीं लिया है.

राज्य के गृह सचिव के मुताबिक अभी सरकार ने सिरसा और रोहतक जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है कि क्या गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी जानी चाहिए? क्या उसको पैरोल देने के बाद इन जिलों में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है?

फिलहाल, गुरमीत राम रहीम के पैरोल के आवेदन ने हरियाणा के राजनीतिक सर्कल में फिर से हलचल पैदा कर दी है. देखना दिलचस्प होगा कि गुरमीत राम रहीम को जेल से छुट्टी मिलती है या फिर उसकी और भारतीय जनता पार्टी की एक दूसरे से फायदा उठाने की योजना धरी की धरी रह जाएगी.

 

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