कोरोना से पीड़ित डॉक्टर की पूरी कॉलोनी हुई सील

 नई दिल्ली
करीब एक किलोमीटर के रेडियस में फैली डीडीए फ्लैट्स की कॉलोनी दिलशाद गार्डन में कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा कोहराम मचा है। राजधानी में एक साथ सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के पीड़ित इसी कॉलोनी में सामने आए हैं। दिल्ली की पेशंट नंबर 10 एक महिला है, जो दिलशाद गार्डन 'एल' पॉकेट में परिवार समेत रहती हैं। वह 10 मार्च को सऊदी अरब से लौटीं तो कोराना की ऐसी चेन बनने लगी। आठ मरीज पॉजिटिव पाए गए। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड होने से रोकने के लिए प्रशासन ने ऐहतियात के तौर करीब दस हजार लोगों को होम क्वॉरेंटाइन होने का फरमान जारी कर दिया।

प्रशासन की तरफ से महिला के घर के आसपास और उनके परिजनों के संपर्क में आए 'एल' पॉकेट में रहने वाले, महिला का पहली बार इलाज करने वाले दिलशाद गार्डन में रहने वाले डॉक्टर का जे ऐंड के पॉकेट और मौजपुर के मोहनपुरी स्थित मोहल्ला क्लिनिक में इलाज कराने वाले करीब 800 लोगों को परिवार समेत होम क्वॉरंटीन रहने को कहा गया है। महिला की मां, भाई और महिला की दो बेटियां कोरोना से पीड़ित मिली हैं। 'एल' पॉकेट में इस फैमिली के अलावा किसी अन्य में अभी तक बीमारी के लक्षण नजर नहीं आए हैं।
 
इसी तरह, सफदरजंग अस्पताल में भर्ती डॉक्टर गोपाल झा की हालत में अब सुधार हो रहा है, जबकि उनकी बेटी और पत्नी अभी जीटीबी अस्पताल में एडमिट हैं। डॉक्टर के बेटे और मां जे एंड के पॉकेट स्थित घर में फिलहाल आइसोलेटेड हैं। एसडीएम (सीमापुरी) पंकज भटनागर ने गुरुवार को मेन गेट के अलावा पूरी कॉलोनी को चारों तरफ से बंद करने के निर्देश दिए। कॉलोनी के गेट पर दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा सिविल डिफेंस चार-चार वॉलंटियर्स 24 घंटे तैनात कर दिए गए हैं। पॉकेट के चारों तरफ मेन सड़कों पर पुलिस पिकेट लगा दी गई हैं।

जे एंड के पॉकेट दिलशाद गार्डन का सबसे बड़ा ब्लॉक है, जिसमें चार सौ बिल्डिंग में 1600 फ्लैट्स हैं। यहां करीब 6000 लोग रहते हैं। आरडब्ल्यूए के जनरल सेक्रेटरी एनएस कैन ने बताया कि पूरी कॉलोनी सील है और जरूरत की चीजें भीतर ही मिल जाती हैं। दूध और सब्जी के लिए मदर डेयरी भीतर ही है, जबकि दो परचून की दुकानें भी हैं। अप्सरा बॉर्डर की तरफ वाले गेट से 300 नंबर तक बिल्डिंग तक के लोग आ रहे हैं, जबकि 100 बिल्डिंग के निवासी दिलशाद गार्डन की तरफ वाले छोटे गेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। दोनों तरफ पुलिस तैनात है।

आरडब्ल्यूए के वाइस प्रेजिडेंट अनिल शर्मा ने बताया कि हमने लोगों के बाहर और भीतर जाने पर रोक लगा रखी है। ईस्ट एमसीडी की तरफ से सफाई का काम रोजाना चल रहा है। जब भी उन्हें बुलाया जा रहा है, उसके कर्मचारी उसी वक्त आ जाते हैं। स्थानीय डिस्पेंसरी की 50 टीमें शुक्रवार सुबह घर-घर जाकर लोगों को देखकर आईं और सर्वे किया। बाकी स्थानीय एसएचओ और एसडीएम लगातार आरडब्ल्यूए के संपर्क में हैं। इसलिए फिलहाल किसी तरह की परेशानी नहीं है।

उधर, एसडीएम शाहदरा देवाशीष बिश्वाल ने 24 मार्च को ही सर्कुलर जारी कर मौजपुर के मोहनपुरी मोहल्ला क्लिनिक में 12 से 18 मार्च तक डॉ गोपाल झा से इलाज करवाने वाले सभी लोगों से अगले 15 दिन तक अपने घरों में सुरक्षित (होम क्वॉरंटीन) रहने की अपील की थी। इन सभी को कहा गया है कि कोरोना के लक्षण मिलने पर कंट्रोल रूम में कॉल करें।
 

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