कोरोना: लॉकडाउन में लोगों की लापरवाही! क्या संबोधन में कड़ा संदेश देंगे PM मोदी?

नई दिल्ली
कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर के एक्सपर्ट एक ही सलाह दे रहे हैं कि लोग अपने घरों में रहें और बाहर भीड़ ना करें. इसी को देखते हुए भारत में भी सरकारों ने लॉकडाउन का ऐलान किया और लोगों से घरों में रहने की अपील की. लेकिन सोमवार को देश के कई शहरों में लोग लॉकडाउन का उल्लंघन करते दिखे और सड़कों पर आए. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश को संबोधित करने वाले हैं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम इस मसले पर भी कुछ बात करेंगे.

कोरोना वायरस के बढ़ते संकट को देखते हुए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है. देश के कुल 30 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेश ने फुल लॉकडाउन, 3 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने चिन्हित शहरों में लॉकडाउन लगाया है. लेकिन लोग इसकी परवाह करते नहीं दिखे हैं.

सोमवार को कई शहरों से लापरवाही की ये तस्वीर सामने आई, जहां लोग लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर दिखे. अपने रोजमर्रा के काम करने के लिए दफ्तर को निकले. लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार निर्देश दिया जा रहा है कि बाहर निकलना घातक हो सकता है.

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लोगों से लॉक़डाउन को गंभीरता से लेने की अपील की थी. अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा था कि लोग लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, राज्य सरकारें कानून का पालन करवाएं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह ही ट्वीट कर जानकारी दी कि आज फिर वह कोरोना वायरस के मसले पर देश को संबोधित करेंगे. पिछले एक हफ्ते में ये दूसरी बार है, जब प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे. इससे पहले 19 मार्च को जब प्रधानमंत्री ने राष्ट्र से सीधे बात की थी, तो कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उन्होंने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था.

प्रधानमंत्री ने जब रविवार को जनता कर्फ्यू का पालन करने की बात कही थी, तो उसका असर दिखा था. करोड़ों लोग अपने घर में ही थे, लेकिन वहां भी जब ताली और थाली बजाने की बात आई तो अलग अपना संयम खो बैठे और शाम 5 बजे घरों से ही बाहर निकल गए.

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