कारोबारी की पीठ में धंस गई थी गोली, मौत के ढाई घंटे बाद डॉक्टरों को चला पता

नई दिल्ली
उत्तर पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर इलाके में घर के बाहर कारोबारी को गोली मारे जाने से सनसनी फैल गई। सोमवार रात 9 बजे कारोबारी राजुल सिंघल को गोली लगी, लेकिन परिजनों को करीब ढाई घंटे तक इस बात की खबर ही नहीं थी। वजह यह कि राजुल के शरीर से कहीं भी खून नहीं निकल रहा था और इसके चलते परिजनों को लगा कि जैसे हार्ट अटैक आया है।

बाहर का पूरा वाकिया भीतर सीसीटीवी कैमरे के जरिए घर के अंदर स्क्रीन पर दिख रहा था। परिजन दौड़े-दौड़े बाहर की तरफ गए। बड़े भाई डॉक्टर अमित ने जमीन पर गिरे राजुल की जांच की तो उनके होश उड़ गए। राजुल की मौत हो चुकी थी। लेकिन फिर भी अस्पताल ले जाना जरूरी समझा। वह तुरंत कड़कड़ी मोड़ स्थित शांति मुकंद अस्पताल के लिए चल दिए। यहां के डॉक्टरों ने भी मौत की पुष्टि कर दी।
 
ऐसे में सभी यह मानकर चल रहे थे कि बदमाशों से हुई भिड़ंत के दौरान राजुल का हार्ट अटैक हो गया होगा। इसकी वजह भी थी क्योंकि गोली लगने के बाद अमूमन बॉडी से खून निकलता है। लेकिन राजुल के शरीर से वारदात स्थल से लेकर अस्पताल तक में खून का एक कतरा तक नहीं निकला। इसलिए पुलिस को बदमाशों से हुई लूटपाट के दौरान हार्ट अटैक की कॉल की गई।

करीब 11:30 बजे जब डॉक्टरों ने बॉडी को पैक करने के लिए पलटा तो कंधे में पीछे की तरफ से गोली का निशान दिखा। इसके तुरंत बाद पुलिस को गोली लगने की कॉल की गई। जानकारों ने बताया कि यह गोली सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल 9 एमएम से मारी गई है। बेहद नजदीक से पीछे की तरफ से मारे जाने से राजुल की मौके पर ही मौत हो गई और खून भी बाहर नहीं आया।

पुराना कारोबारी है परिवार
राजुल के पिता मंगलसेन सिंघल के एक जमाने में ईंटों के भट्टे हुआ करते थे। लेकिन अब वो लोनी के मंडोला में राधेलाल मेमोरियल स्कूल चलाते हैं। बड़े भाई अमित सिंघल और भाभी दोनों डॉक्टर र्हैं। छोटा भाई अनुज इंजीनियर है, जो प्राइवेट बिल्डर भी है। राजुल का ईस्ट ऑफ लोनी रोड पर बालाजी एंटरप्राइजेज के नाम से बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स का शोरूम है। बेटी मुस्कान (18) एक निजी कॉलेज से बीबीए फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट है और बेटा ओम (16) 11वीं में पढ़ता है। पत्नी शिवानी हाउस वाइफ हैं। पुलिस रास्ते के अन्य कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही है।

प्लानिंग के तहत हुई वारदात
लूटपाट करने आए बदमाश पूरी तैयारी से आए थे। वो राजुल के दुकान से घर पहुंचने से पहले ही घात लगाए बैठे थे। यानी उन्हें पता था कि उनका घर यहां है और वह यहां आने वाले हैं। बदमाशों ने फायरिंग भी की और राजुल नीचे गिर भी गए। लेकिन बदमाश रुपये से भरा बैग नहीं ले गए तो क्या उनका इरादा हत्या करने का था? अगर वो सिर्फ मर्डर करने के इरादे से आए थे, तो सिर्फ एक ही गोली क्यों मारी? वो इतने श्योर कैसे थे कि मौत हो ही जाएगी? परिजनों ने गले से सोने की चेन गायब बताई है। इसलिए लूटपाट के एंगल को भी खारिज नहीं किया जा रहा है। सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल वारदात में इस्तेमाल हुई है, इसलिए बदमाश पेशेवर लग रहे हैं।
 

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