कांग्रेस में वापसी के लिए दिल्ली में लॉबिंग कर रहे हैं अजीत जोगी?

बिलासपुर
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी राजनीति में शतरंज के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. यही कारण है कि अजीत जोगी की हर गतिविधि पर राजनीतिक पंडितों की नजर रहती है. उनकी हर चाल विरोधियों के लिए चर्चा और चिंता का कारण बन जाती है. अजीत जोगी के बारे में कहा जाता है कि वे पावर में रहें या न रहें, लेकिन चर्चा में कैसे रहना है, ये उन्हें बखूबी पता होता है. कांग्रेस से अलग होकर 23 जून 2016 को सूबे में नई राजनीतिक पार्टी खड़ी करने वाले अजीत जोगी को लेकर अब नई चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा हो रही है कि अजीत जोगी कांग्रेस में फिर से वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए वे दिल्ली में कांग्रेस के आला नेताओं से लॉबिंग भी कर रहे हैं.

दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में सभी सीटों पर मतदान कार्य पूरा होने के बाद पिछले सप्ताह अजीत जोगी अपने परिवार के साथ दिल्ली चले गए. इसके बाद वे अब तक रायपुर नहीं लौटे हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि वे कांग्रेस में वापसी के लिए सोनिया गांधी सहित अन्य आला नेताओं से लॉबिंग कर रहे हैं.अजीत जोगी को लेकर शुरू हुईं इन चर्चाओं के बीच अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मसलन क्या जोगी सच में कांग्रेस में वापसी का रास्ता बना रहे हैं? यदि हां तो उनके सामने क्या मुश्किलें हैं? इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करें, इससे पहले जान लेते हैं कि अजीत जोगी के कांग्रेस में वापसी की चर्चाएं क्यों हो रही हैं?

विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस 90 में से 68 सीटें जीतकर सत्ता में आई. इसके बाद से ही कांग्रेस को छोड़कर नया राजनीतिक मोर्चा तैयार करने वाले अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे भगदड़ मच गई. जोगी की पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 7 प्रत्याशी इस समय कांग्रेस में हैं. इनके अलावा पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, राष्ट्रीय व राज्य स्तर के कई पदाधिकारी भी कांग्रेस का हाथ थाम लिए हैं. पार्टी में बड़े नेताओं के नाम पर खुद अजीत जोगी के अलावा उनके परिवार से उनकी पत्नी रेणु जोगी, बेटे अमित जोगी के साथ विधानसभा चुनाव में जीते तीन अन्य विधायक और कुछ गिने चुने पदाधिकारी ही बचे हैं. अटकलें हैं कि तीन में से दो विधायक और कुछ अन्य पदाधिकारी कभी भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.

विधानसभा चुनाव में थर्ड फ्रंट की भूमिका में जनता के सामने आई अजीत जोगी की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में एक भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा. जबकि अपनी पकड़ वाली कोरबा सीट से खुद अजीत जोगी ने चुनाव लड़ने का ऐलान तक कर दिया था. इतना ही नहीं अपने गठबंधन वाली बसपा के प्रत्याशियों के पक्ष में भी चुनाव प्रचार करते नहीं दिखे. बल्कि कई सीटों पर जोगी की पार्टी के लोग खुलेआम कांग्रेस प्रत्याशियों का प्रचार करते भी दिखे. लोकसभा चुनाव में अजीत जोगी की पार्टी ने कांग्रेस को कई सीटों पर वॉकओवर दे दिया. इस पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा- 'लोकसभा चुनाव में प्रदेश और देश में हर क़ीमत पर सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से बाहर रखना हमारा एकमात्र लक्ष्य है.'

 

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