मानहानि मामला: केजरीवाल को अदालत से राहत, निजी तौर पर नहीं होना पड़ेगा पेश
नई दिल्ली
भाजपा के नेता राजीव बब्बर के मानहानि मामले का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तीन अन्य को एक स्थानीय अदालत से मंगलवार को राहत मिली। अदालत ने इस मामले में केजरीवाल और अन्य तीनों को निजी तौर पर हाजिर होने से छूट दे दी है। बब्बर ने मानहानि मामला दायर कर केजरीवाल और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने याचिका में कहा कि मतदाता सूची से ‘मतदाताओं' के नाम हटाने का आरोप मढ़कर केजरीवाल और अन्य व्यक्ति भाजपा की छवि खराब कर रहे हैं। याचिकाकर्त्ता के अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष कहा कि शिकायतकर्ता की छवि बिगाड़ी जा रही है, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता।
सभी अभियुक्तों ने पूरी तरह सोच समझकर आरोप लगाए हैं जिससे बनिया, पूर्वांचली, मुस्लिम और समाज के कुछ अन्य वर्गों में भाजपा की नकारात्मक छवि बनाई जा सके। शिकायतकर्ता का कहना है कि केजरीवाल ने न केवल भाजपा, बल्कि पार्टी से संबंध रखने वाले सभी लोगों की छवि खराब की है। बब्बर का आरोप है कि केजरीवाल ने यह सब लोकसभा चुनाव में ओछा राजनीतिक लाभ उठाने के लिए किया है। अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट समर विशाल ने शिकायतकर्ता की दलील सुनने के बाद गत 15 मार्च को समन जारी किया था जिसमें आरोपियों को 30 अप्रैल को अदालत के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया गया था।
आरोपियों के अधिवक्ता ने आज अदालत के समक्ष निजी तौर पर हाजिर होने से छूट का आवेदन किया, जिसमें कहा गया है कि सभी नेता दिल्ली और हरियाणा में राजनीतिक गतिविधियों में इस समय व्यस्त हैं। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद केजरीवाल आप के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार गुप्ता, विधायक मनोज कुमार और आप प्रवक्ता आतिशी को सात जून से पहले अदालत में निजी तौर पर हाजिर होने से छूट दे दी।