ओला में करीब 21 अरब रुपये निवेश करेगी कोरियाई कंपनी ह्यूंदै!

 
नई दिल्ली/मुंबई

कोरिया की दिग्गज कंपनी ह्यूंदै मोटर कंपनी भारत की ऐप के जरिए टैक्सी सेवा देने वाली ओला से निवेश के संबंध में बातचीत कर रही है। ह्यूंदै 25-30 करोड़ डॉलर (करीब 17.5 से 21 अरब रुपये) ओला में निवेश कर सकती है। कई सूत्रों ने ईटी को बताया कि बातचीत सफल रही तो ह्यूंदै, ओला में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी ले सकती है। इस डील में ओला की वैल्यू करीब 6 अरब डॉलर (करीब 4 खरब 20 अरब रुपये) लगाई जा सकती है। यह भाविश अग्रवाल की इस कंपनी के लिए अब तक का सबसे ऊंचा वैल्यूएशन होगा। 

कुछ हफ्तों में हो सकता है निवेश: सूत्र 
कोरियाई कंपनी ह्यूंदै की ओला से बातचीत की जानकारी सबसे पहले एनट्रैकर ने दी थी। ओला में ह्यूंदै का यह संभावित निवेश इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम में उसका दूसरा इन्वेस्टमेंट हो सकता है। पिछले साल अगस्त में उसने कार रेंटल स्टार्टप रेव में 100 करोड़ रुपये के फंडिंग राउंड की अगुवाई की थी। सूत्रों ने बताया कि ताजा निवेश कुछ हफ्तों में पूरा हो सकता है और यह ओला के 50 करोड़ डॉलर (करीब 35 अरब रुपये) के इक्विटी फाइनैंसिंग राउंड का हिस्सा होगा। इसके दौरान फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल और मिराए ऐसेट-नेवर एशिया ग्रोथ फंड ने भी ओला में निवेश किया है। 

दुनियाभर में ऑटोमेकर्स के सामने चुनौती 
न्यू इकॉनमी मोबिलिटी सेगमेंट में ऐक्टिव रही ह्यूंदै ने पिछले साल नवंबर में सिंगापुर की ऐप बेस्ड राइड सर्विस देने वाली कंपनी ग्रैब में 25 करोड़ डॉलर (करीब 10.50 अरब रुपये) का निवेश किया था। इस सेगमेंट में उसकी प्रतिद्वंद्वियों जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर कंपनी और टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन ने भी निवेश किया है। उन्होंने ऊबर और लिफ्ट जैसी कंपनियों में पैसा लगाया है। दरअसल, दुनियाभर में ऑटोमेकर्स लोगों के कार खरीदने के ट्रेंड में आ रही कमी से निपटने के लिए यह कदम उठा रही हैं। 

भारत में भी यही ट्रेंड 
भारत में भी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, फोर्ड और टोयोटा ने ऑन-डिमांड मोबिलिटी और ऑटो मार्केटप्लेस के सेगमेंट्स में सक्रियता दिखाई है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और फोर्ड ने जूमकार को कई फंडिंग राउंड्स में अपनी इन्वेस्टमेंट इकाइयों के जरिए पैसा दिया है। टोयोटा ने भी यूज्ड ऑटोमोबाइल मार्केटप्लेस और ऑटो सर्विसेज कंपनी ड्रूम में पिछले साल 3 करोड़ डॉलर (करीब 2.10 अरब रुपये) के निवेश की अगुवाई की थी। ह्यूंदै को अपने साथ जोड़ने से ओला को एक बड़ा सपॉर्ट मिल जाएगा। वह अपनी मौजूदा इन्वेस्टर जापान की सॉफ्टबैंक का प्रभाव कम करना चाहती है और अपने फाउंडर्स भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी के अधिकारों की रक्षा करना चाहती है। 

सचिन बंसल का ओला में निवेश 
इससे पहले फ्लिपकार्ट के फॉर्मर सीईओ सचिन बंसल के निवेश करने से ओला और उसके फाउंडर्स को बड़ी मदद मिली थी। बंसल ने पिछले साल भारत की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी से निकलने के बाद ओला में 6.50 अरब रुपये निवेश किए हैं। यह भारत के इंटरनेट सेक्टर में निजी हैसियत से किया गया सबसे बड़ा निवेश है। इसके अलावा पिछले साल अग्रवाल ने सिंगापुर की इन्वेस्टमेंट फर्म टेमासेक को भी निवेशक के रूप में अपने साथ जोड़ा था। टेमासेक ने ओला की पैरंट कंपनी एएनआई टेक्नॉलजीज में 15-20 करोड़ डॉलर (करीब 10.50 अरब से 14 अरब रुपये) में करीब 5 प्रतिशत स्टेक लिया था। 

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