ओटीटी पर कैसे निकलेगी फिल्मों की लागत? होंगे ये बड़े बदलाव

 
नई दिल्ली 

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में भारी तबाही मचाई है. इस वायरस ने लोगों की जान तो ली ही है, आर्थिक दृष्टि से भी कई देशों को घुटनों पर ला दिया है. कोरोना वायरस के चलते सिनेमाहॉल बंद हैं, शूटिंग को रोक दिया गया है और नए एपिसोड देखने को नहीं मिल रहे. लेकिन इस लॉकडाउन में डिजिटल प्लेटफॉर्म के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं. जब सिनेमाघरों मे ताले लटके हुए हैं, तब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नई फिल्में और सीरीज रिलीज हो रही हैं.

लेकिन कभी आपने सोचा है कि अगर परिस्थिति जल्दी नहीं बदलती, अगर सिनेमाहॉल पर लगे ताले नहीं हटते, ऐसे में क्या होगा? अगर फिल्म सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही रिलीज होने लगे, ऐसे में क्या बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे?

असल में हर प्लेटफॉर्म के अपने फायदे हैं और नुकसान हैं. एक तरफ जब फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज होती थीं, तब दर्शकों को ज्यादा बेहतरीन एक्सपीरियंस मिलता था. वो बड़े पर्दे पर हर चीज को देख पाते थे. लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने का मतलब ये है कि दर्शक घर की चार दीवारी में बैठकर फिल्म का लुत्फ उठा रहा है. वो अपने फोन पर ही फिल्म देख रहा है. ऐसे में फर्क तो काफी आएगा.

आंकड़ों के लिहाज से भी ओटीटी पर रिलीज करना कई मायनों में फिल्ममेकर्स के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा. किसी भी बड़े बजट फिल्म का सफल होना तभी संभव होता है जब वो अपनी लागत से ज्यादा कमाई करके दिखाए. जब फिल्में सिनेमाहॉल में रिलीज होती थीं, तब एडवांस बुकिंग के जरिए भी मोटी कमाई कर ली जाती थी. लेकिन अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ऐसा होता नहीं दिखेगा. यहां सीधे एक तारीख पर फिल्म रिलीज होगी.

100 करोड़ क्लब वाला ट्रेंड खत्म

बॉलीवुड में कोई फिल्म 100 करोड़ कमा जाए, तो उसे सुपरहिट बता दिया जाता है. फिल्म के बॉक्स ऑफिस नंबर से तय किया जाता है कि फिल्म ने दर्शकों के दिल पर राज किया है या नहीं. लेकिन अगर फिल्म अब सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी तो ये ट्रेंड भी खत्म होता दिखेगा. अब इसका सीधा कारण ये है कि ऑनलाइन पर सफलता मापने का जरिया है-व्यूअरशिप. मतलब जितने लोग उस सीरीज या फिल्म को देखेंगे, उतना सफल उसे माना जाएगा. ऐसे में बॉक्स ऑफिस नंबर का वजूद खतरे में पड़ता दिखेगा. इस मामले में ओटीटी प्लेटफॉर्म कई मेकर्स को शायद रास ना आए.

पाइरेसी का खतरा हो जाएगा कम

वैसे किसी भी फिल्म को रिलीज करने से पहले उसके लीक होने का डर भी सभी को सताता है. कोई बड़ी फिल्म अगर रिलीज से पहले लीक हो जाए तो भारी नुकसान उठाना पड़ता है. बॉलीवुड की कई ऐसी फिल्मे हैं जो पाइरेसी का शिकार हुई हैं. अब सोचिए, अगर यही फिल्में डिजिटल पर रिलीज होती हैं तो पाइरेसी का खतरा काफी कम हो जाएगा. जब कम समय में फिल्म लाखों लोगों तक पहुंच जाएगी, ऐसे में पाइरेसी का कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा.

स्टार कल्चर पर पड़ेगा असर

यहां पर ये जानना भी जरूरी है कि ओटीटी पर फिल्म रिलीज करने से सिर्फ आंकड़ों के लिहाज से प्रॉफिट या लॉस नहीं देखा जा सकता. जरा सोचिए, सलमान खान की फिल्म रिलीज हो और सिनेमाहॉल में फिल्म देखते समय दर्शक सीटियां ना बजाए, ऐसा कम ही देखने को मिलता है. जितने भी बड़े सितारे होते हैं उनकी फिल्मों को देखते समय फैंस की दीवानगी अलग ही लेवल पर होती है. ऐसे ही सिनेमाघरों के बाहर टिकट के लिए लंबी लाइनें भी देखने को मिलती हैं. लेकिन अगर फिल्म अब सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज होंगी, तो ये सब चीजें गायब हो जाएंगी. इंसान अपने घर पर ही बैठ फिल्म देखेगा. ऐसे में स्टार कल्चर पर असर पड़ना तो तय है.
 
वैसे कोरोना संकट के बीच कई सितारों ने ओटीटी का रुख कर ही लिया है. अमिताभ बच्चन की गुलाबो सिताबो, करण जौहर की गुंजन सक्सेना ओटीटी पर रिलीज होने जा रही है. वहीं नवाज की घूमकेतू को पहले ही ओटीटी पर रिलीज किया जा चुका है. ऐसे में अब ये फिल्ममेकर के लिए कितना फायदा और कितना घाटे का सौदा होता है, ये तो समय बताएगा, लेकिन कोरोना संकट के बीच अभी तो कोई और विकल्प नजर नहीं आता.
 

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