एम्स: जनवरी में घोषणा की थी 4 एंबुलेंस चलने की, जून में आयी 1 एंबुलेंस
भोपाल
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक प्रो.सरमन सिंह ने जनवरी महीने में आयोजित प्रेस कॉन्फेंस कर चार एंबुलेंस चलाने की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम के तीन महीने बाद मार्च में एम्स कैम्पस में ही निवासरत कम्युनिटी एंड फैमिली मेडिसिन विभाग में पदस्थ डा. रमेशचंद्र चौहान को हार्ट अटैक आया और समय पर एंबुलेंस न मिलने पर उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद एम्स स्टाफ ने ही जोर-शोर से एंबुलेंस जल्द शुरू कराये जाने की मांग की। छ: महीने बाद जून में एम्स के डायरेक्टर ने जीवन कंपनी की एक एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर सेवा की शुरूआत की थी।
लेकिन छ: महीने बाद एम्स में मुंबई की जीवन एंबुलेंस कंपनी के साथ करार पर एक पुरानी एंबुलेंस ही जून के महीने में शुरू हो पाई। लेकिन एम्स की एंबुलेंस दिन भर इमरजेंसी के बाहर खडी रहती है। एंबुलेंस पर लिखे नंबर पर फोन करके मरीज को एम्स ले जाने के संबंध में जब बात की गई तो एंबुलेंस के कर्मचारी ने जवाब दिया कि हमें सिर्फ एम्स से मरीज को हमीदिया और जेपी हास्पिटल ले जाने के लिए ही अस्पताल प्रबंधन ने अनुमति दी है। किसी भी मरीज को घर से एम्स लाने और घर छोडने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती है। एम्स भोपाल में टेलीफोन पर मरीज को घर से एम्स ले जाने के लिए एंबुलेंस भेजने का अनुरोध करने पर भी यही जवाब मिला एंबुलेंस सिर्फ दूसरे अस्पतालों में रेफर किये जाने वाले मरीजों के लिए ही है।
जिस जीवन एंबुलेंस नाम की कंपनी के साथ एम्स का करार हुआ है उसके भोपाल में पदस्थ श्याम नाम के प्रतिनिधि ने बताया कि अभी एक ही एंबुलेंस चल रही है। अगले दो महीने में चार एंबुलेंस आ जायेंगी। ये एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस है। इससे ज्यादातर कार्डियक पेशेंट को सिर्फ सरकारी अस्पतालों में छोडने के लिए परमीशन है।