एक अलग वाइल्डलाइफ कमेटी गठित करने का थापर ने CM को दिया प्रस्ताव

भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिस वन्यप्राणी विशेषज्ञ को राज्य वन्यप्राणी बोर्ड में जगह दी है, उसने एक अलग बोर्ड या कमेटी बनाने का प्रस्ताव देकर हलचल पैदा कर दी है। नई कमेटी के माध्यम से सौ करोड़ गेट मनी और टाइगर रिजर्व के पर्यटन क्षेत्रों से दो हजार करोड़ रुपये कमा कर देने का प्रस्ताव दिया है।

राज्य सरकार ने राज्य व्रन्यप्राणी बोर्ड का पुर्नगठन किया है। इसमें पर्यावरणविद और वाइल्डलाइफर के तौर पर रणथंबोर राजस्थान के वाल्मिक थापर को शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार थापर ने बोर्ड बनने के पहले मुख्यमंत्री को ई-मेल के माध्यम से एक प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में एक अलग वाइल्डलाइफ कमेटी गठित की जाये जिसमें मुझे (थापर) उपाध्यक्ष बनाया जाये। कमेटी में अन्य विषय विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाये। यह कमेटी राज्य सरकार के लिये राजस्व बढ़ाने का काम करेगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रदेश के टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों की गेट मनी बढ़ाकर सौ करोड़ तक कर दी जायेगी और टाइगर रिजर्व के पर्यटन क्षेत्रों से आय दो हजार करोड़ तक की जायेगी। गेट मनी के तौर पर राज्य को 20 से 25 करोड़ ही मिल रहे हैं।

जानकारी के  अनुसार वाल्मिक थापर के प्रस्ताव पर सीएम सचिवालय ने वन विभाग से अभिमत मांगा। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार राज्य में केवल दो ही समितियां गठित हो सकती हैं। एक राज्य वन्यप्राणी बोर्ड और दूसरी स्टेयरिंग कमेटी। बोर्ड और कमेटी दोनों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं। सूत्रों के अनुसार विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि विधिक प्रावधान नहीं होने से अलग समिति नहीं बनाई जा सकती है।

राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के पुर्नगठन में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वन मंत्री उमंग सिंघार के प्रस्तावित नामों पर कैंची चला दी है। जानकारी के अनुसार मंत्री ने बोर्ड में विधायक विक्रम सिंह नाती राजा, नारायण सिंह पट्टा और विजय रेवानाथ चौरे का नाम प्रस्तावित किया था। इनके स्थान पर लक्ष्मण सिंह, संजय उइके और फुंदेलाल मार्को को शामिल कर दिया गया। इसी तरह पर्यावरणविद के तौर पर गणेश पांडे और ललित शास्त्री के नाम दिये गये थे। इन दोनों के स्थान पर रशीद किदवई और वाल्मिक थापर के नाम जोड़े गये हैं। सेवानिवृत्त पीसीसीएफ धर्मेन्द्र शुक्ला, पत्रकार सुरेन्द्र तिवारी, डॉ.रणजीत सिंह,  दिल्ली के सिमरन संधु और डॉ.राका आर्य एसो.प्रोफेसर नेशनल इंस्ट्टीयूट भोपाल के स्थान पर कृष्ण कुमार सिंह सीधी, बीएमएस राठौर और डॉ.सुहास कुमार रिटायर्ड पीसीसीएफ, बृजेन्द्र सिंह नई दिल्ली को शामिल किया गया है।

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