इन इंडियन क्‍लासिकल डांस से कम करें Weight, जाने कैसे ये डांसफॉर्म करते है काम

वो भी क्‍या दिन थे, जब समर हॉलीडे में घर के बड़े-बुजुर्ग बच्‍चों को क्‍लासिकल डांस सीखने के ल‍िए भेजा करते थे। कत्‍थक, भरतनाट्यम और ओडिसी ऐसे कई क्‍लासिकल डांस फॉर्म है जिन्‍हें लोग डांस स्किल्‍स के तौर पर सीखा करते थे लेकिन अब बदलते समय के साथ लोग इन स्किल्‍स को सहारा खुद को फिट और एनर्जेटिक रखने के ल‍िए करने लगे हैं। जी हां, क्‍लासिकल डांस के जरिए आप खुद को फिट रखने के साथ कई एक्‍स्‍ट्रा कैलोरी भी बर्न कर सकते हैं।

इसके अलावा ये नृत्‍य शैली आपको स्‍ट्रेस फ्री रखने के साथ ही बहुत एक्टिव बनाती है। आज इंटरनेशनल डांस डे के मौके पर हम आपको बता रहे हैं ऐसे इंडियन क्‍लासिकल डांस फॉर्म के बारे में जिनसे आप खुद को फिट और एक्टिव रख सकते हैं।

भरतनाट्यम
भरतनाट्यम एक नृत्‍य शैली होने के साथ ही इससे कई तरह के मानसिक और शारीरिक फायदे होते हैं। भरतनाट्यम का मुख्‍य मुद्रा, अराईमंडी

(ये एक स्क्वेटिंग पोजिशन होता है जिसमें एक घुटने को दूसरे घुटने के बगल में मोड़कर रखना होता है) इससे बॉडी पॉश्‍चर में सुधार होता है और आप आपके मसल्‍स को टोंड करने का काम करता है। यह नृत्‍य शैली आंखों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है क्‍योंकि इसे करते वक्‍त आपको एक्टिव होने की जरुरत होती है, इससे आंखों की अच्‍छी एक्‍सरसाइज हो जाती है।

कथक
कथक हमारे देश के सबसे पॉप्‍युलर नृत्‍य शैली में से एक हैं, मुगल काल के समय नृत्‍यशैली का उद्भव भारत में हुआ था, तब से लेकर आज तक इस नृत्‍य शैली के प्रति लोगों में ज्‍यादा रुझान देखने को मिलता है। कथक के जर‍िए आप extra kilos और फिट रहने में हेल्‍प करते हैं। सभी Kathakars (or Kathak dancers) को heavy ankle bells पहनकर practice और perform करना होता है, जो इसे weight-bearing exercise बनाती है। इसके अलावा, डांस के माध्‍यम से story-कहने का माध्‍यम है, इसलिए डांसर को अपने बॉडी के पार्ट्स और expressions के बीच सही तालमेल बनाना पड़ता है। जिससे बॉडी बैलेंसिंग होती है।

ओडिसी
इस डांस फॉर्म में शरीर की अलग-अलग मुद्राए बनाई जाती है। जिससे आपकी बॉडी पूरी तरह टोन होती है। इस नृत्‍य शैली में feet dancing पर ध्‍यान दिया जाता है। यह आपकी पूरी बॉडी को सिंक्रनाइज़ेशन में रखने में हेल्‍प करती है। इस डांस फॉर्म से मसल्‍स टोन होने के साथ ही रक्‍त संचार में सुधार होता है और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। इसके अलावा, इस डांस फॉर्म में चेहरे के भाव पर भी जोर दिया जाता है जिससे आपके चेहरे की एक्‍सरसाइज भी हो जाती है।

कथकली
कथकली का मतलब "नृत्य नाटिका" से है। जिसका अर्थ यह है कि कहानी को प्रस्तुत करते हुए अभिनय करना। इस नृत्‍य की खास बात ये है कि यह नृत्य रात में प्रस्तुत किया जाता है जो सूर्य उगने से पहले तक चलता है। इसके ल‍िए आपको एक्टिव होना बेहद जरुरी है। इस नृत्य को प्रदर्शित करने के लिए नर्तक को एकाग्रता, कुशलता और शारीरिक सहन शक्ति की बहुत जरुरत होती है। यह नृत्य केरल की प्राचीन मार्शल आर्ट कलरिपयट्टु पर आधारित है। इस डांस को करते हुए बॉडी को बहुत धीरे-धीरे मूव करना होता है, जिससे शरीर की मसल्‍स टोन‍िंग एक्‍सरसाइज होती है। इस नृत्‍य शैली में एक्‍सप्रेशन का बहुत महत्‍व होता है। आँखों के द्वारा हाव -भाव प्रदर्शित किए जाते हैं। जिसके ल‍िए लिए विशेष अभ्यास की जरुरत पड़ती है। इससे फेशियल एक्‍सरसाइज के साथ ही आंखों की एक्‍सरसाइज भी होती है। इसमें 24 मुद्राओं को प्रदर्शित किया जाता है।

भांगड़ा
शादियों में भांगड़ा डांस बहुत ही कॉमन होता है, पंजाब का ये ट्रेडिशन डांस फॉर्म भांगड़ा एक एनर्जेट‍िक डांस फॉर्म है जिसमें पूरी बॉडी का वर्कआउट हो जाता है। अगर आप अपने दिल को हेल्‍दी बनाएं रखना चाहते है तो और अपनी बॉडी को शेप में देखना चाहते हैं तो भांगड़ा वर्कआउट जरूर ट्राय करें। मनोरंजन और फिटनेस के बीच एक शानदार बैलेंस भी नजर आएगा। इससे आपकी बॉडी फिट होती है और स्‍टेमिना बढ़ता है।

 

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