इंटेलिजेंस के सहारे कमलनाथ सरकार, मंत्रियों-विधायकों की कराई जा रही जासूसी!

भोपाल

भले ही मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार किसी वक्त और कहीं पर भी बहुमत साबित करने का दावा कर रही हो, लेकिन सरकार को हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्‍त) का डर जरूर सता रहा है. अब मंत्री हों या फिर विधायक, सभी की निगरानी की जा रही है. उनकी हर एक गतिविधि पर नज़र रखने के साथ ही पल-पल का इनपुट लिया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो कमलनाथ सरकार ने अपने माननीयों की जासूसी के लिए इंटेलिजेंस का सहारा लिया है.

डर रही है सरकार

ये डर है सरकार जाने का. ये डर है हॉर्स ट्रेडिंग का जिसके चलते ऐतिहातन कमलनाथ सरकार माननीयों पर नजर रखे हुए है. लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी कमलनाथ सरकार पर हमलावर हो गई थी. बीजेपी के दिग्गज नेताओं की तरफ से बार-बार सरकार गिराने के संकेत दिये जा रहे थे. कांग्रेस ने इस पर पलटवार भी किया, लेकिन फिर भी कमलनाथ सरकार को डर सता रहा है.

सूत्रों ने बताया है कि सरकार अपने कमजोर विधायकों पर नज़र बनाए है. उनकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है. पल-पल का इनपुट भी लिया जा रहा है. वो किससे मिल रहे हैं, कहां जा रहे हैं, किसके संपर्क में हैं, किससे लंबी और बार-बार बातचीत हो रही है, इन सब बातों की जानकारी ली जा रही है. यहां तक की विधायकों के मूवमेंट और वे ि‍किनसे संपर्क कर रहे हैं, इन सबकी भी जानकारी हासिल की जा रही है.

इंटेलिजेंस का सहारा

इस काम के लिए मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार चौंकाने वाला कदम उठाया है. सूत्रों की मानें तो इन सभी बातों के लिए इंटेलिजेंस का सहारा लिया जा रहा है. मंत्री हों या फिर विधायक, सभी पर सरकार नजर बनाए हुए है. कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि 121 विधायक कमलनाथ जी के साथ हैं.
बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस खेमों में बंट गई है और उनके विधायक खुद ही बिकने को तैयार हैं.

दावा तो यह भी किया जा रहा है कि कमलनाथ सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी. कमलनाथ सरकार को पूरा भरोसा है कि अगले पांच साल तक उसके साथ 121 विधायक रहेंगे, लेकिन बीजेपी की तरफ से हो रही बयानबाजी ने जरूर सरकार की टेंशन को बढ़ा दिया है.

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