आर्थिक संकट से जूझ रहा छत्तीसगढ़, अब सरकारी जमीन बेचकर पैसा कमाने में जुटी है सरकार

रायपुर
 मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला साल खत्म होने के बाद बीजेपी वर्चुअल रैली के जरिए लोगों तक उपलब्धियों को लेकर पहुंच रही है. इसी कड़ी में एक रैली में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कार्यकाल अद्वितीय है. एक साल के अंदर ही केन्द्र सरकार ने अपने घोषना पत्र के सारे प्रमुख मुद्दो को अमली जामा पहनाया है. मोदी की सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, जनधन खाते, धारा 370, राम मंदिर, नागरिकता संसोधन कानून, आयुष्मान योजना से 5 लाख तक ईलाज की व्यवस्था, आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण, आतंकवाद के खिलाफ  कठोर, कानून, प्रधानमंत्री सम्मान निधि 8.19 करोड़ किसानो को, 20 करोड़ महिलाओं के जनधन योजनान्तर्गत लाभ, खाद्य सुरक्षा के तहत प्रतिमाह 5 किलो चावल व 1 किलो दाल निशुल्क, उज्जवला योजना के तहत  6.8 करोड़ मुफ्त गैस सेलेण्डर सहित अनेक योजनाओं को एक साल व कोरोना काल में मूर्तरूप दिया है.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार विकास की जगह राज्य का विनाश करने में जुटी है. सरकार स्काईवाक का कार्य ढेड़ साल में भी पूरा नही करा पायी और न ही इस पर कोई निर्णय ले पायी. अटल एक्सप्रेस वे का भी यही हाल है. शहर के बीच मैदान नही है, पर बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर सप्रे स्कूल व दानी स्कूल के मैदान को छोटा किया जा रहा है. विरोध करने पर बलपूर्वक दबाया जा रहा है, सरकार पुलिस का सहारा ले रही है, नोटिस भेजी जा रही है.

पूर्व मंत्री ने पूछा कि घोषणा पत्र के बेरोजगारी भत्ता का क्या हुआ? महिला स्व सहायता समूहों की ऋण मुक्ति का क्या हुआ? दो साल के धान बोनस का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि यह सरकार प्रदेश के जंगलो में विशाल काय हाथियों की रक्षा नही कर पा रही है. जंगली जानवर तक सुरक्षित नही है. जंगल का सबसे बड़ा जानवर हाथी सुरक्षित नहीं है, तो छोटे जानवरों की क्या स्थिति होगी. जंगल व जंगली जानवर को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने 15 साल जीरो पावर कट राज देखा है. आज क्या है ? बिजली बिल हाफ करने का वादा था, लेकिन बिजली ही हाफ कर दी है. प्रदेश अब हमेशा हमेशा के लिए पावर कट राज्य हो गया है. गांव-शहरो में बिजली कटौती हो रही है. अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, सरकार दिवालिया हो रही है. इसलिए सरकारी जमीन को बेचने जा रही है. यह सरकार भूमि बेचने के नाम पर जमीन का खेल, खेल रही है. प्रदेश में जमीन का जो बंदरबांट किया जा रहा है. सरकारी जमीन बेचकर सरकार पैसा कमाने में लगी है. आने वाले समय में सामुदायिक, सार्वजनिक व शासकीय उपयोग के लिए भूमि ही नही बचेगी. पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2500 रूपये क्विंटल में धान खरीदी का पूरा पैसा न देकर किसानों से छल किया है. सरकार ने कोरोना काल में घोषणा किया था कि किसानो कों 10 हजार रूपये प्रति एकड़ राशि देंगे? कहां है यह राशि ? कितने किसानों को दी गई यह राशि ? किसानों के हक के उनके फसल के बचत राशि को देकर राजीव गांधी न्याय योजना के नाम पर किसानों के साथ अन्याय कर रही है. इस योजना का नाम राजीव अन्याय योजना करनी चाहिए. डेढ़ साल में किसानों को क्या मिला 6 माह बाद भी किसानों को धान का मूल्य नहीं मिला है.

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