आदिवासियों का खदान विरोधी संघर्ष: 400 से ज्यादा जवान तैनात, ड्रोन से रखी जा रही नजर
दंतेवाड़ा
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों ने खदान विरोधी संघर्ष छेड़ दिया है. दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला पर्वत श्रृंखला के नंदाराज पहाड़ पर स्थित एनएमडीसी के 13 नंबर की लोह अस्यक खदान को अडानी की कंपनी को दिए जाने का आदिवासी विरोध कर रहे हैं. इस आंदोलन में शामिल होने जगदलपुर से भी ग्रामीण दंतेवाड़ा पहुंच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आस-पास के इलाकों के सैंकड़ों ग्रामीण पैदल मार्च कर बचेली में हो रहे प्रदर्शन में शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि लगभग 15 से 20 हजार की संख्या में ग्रामीण इस प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक आदिवासी सड़क के साथ रेलमार्ग भी रोकने की तैयारी कर सकते हैं. बता दें कि हजारों की संख्या में ग्रामीण एनएमडीसी का घेराव कर रहे है. संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति ये प्रदर्शन कर रही है. आदिवासियों के इस आंदोलन को समर्थन देने कांग्रेस, जनता जोगी ,आप पार्टी ,सीपीआई पार्टी, सर्व आदिवासी समाज,समाज सेवी सोनी सोढ़ी भी पहुंचे गए हैं. ग्रामीणों के प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर है.
आदिवासियों के खदान विरोधी संघर्ष पर बस्तर सांसद दीपक बैज ने एक बड़ा बयान दिया है. बस्तर सांसद ने कहा कि मैं ग्रामीणों के इस आंदोलन में उनके साथ हुं. दीपक बैज के मुताबिक उधोगपति अडानी द्वारा इलाके में सड़क बनाने के नाम पर 25000 हजार पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी. लेकिन अनुमति से पहले ही इलाके में पेड़ काटने का सिलसिला शुरू कर दिया गया. दीपक बैज का कहना है कि विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा.
हिरोली गांव में बड़ी संख्या में नक्सली पर्चा मिलने की खबर आ रही थी. बताया जा रहा था कि नक्सली आदिवासियों के इस आंदोलन का समर्थन कर रहे है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के दरभा डिवीजन कमेटी ने इस प्रदर्शन को प्रायोजित किया है. फिलहाल सुरक्षा को लेकर पुलिस सतर्क है. करीब 400 की संख्या में जवान एवं महिला कमांडो तैनात कर दिए गए है. पूरे इलाके की मॉनिटरिंग ड्रोन की सहायता से की जा रही है.