आज भी कायम 24 साल पुराना ये रिकॉर्ड,  जब 4 गेंदों में 4 भारतीय धुरंधर हुए थे ढेर

 
नई दिल्ली 

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब तक (1862-2018) 42 बार 4 गेंदों में 4 विकेट चटकाने का कारनामा देखने को मिला है. लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में ऐसा अब तक एक ही बार हुआ है, जब किसी गेंदबाज ने लगातार 4 गेंदों में 4 विकेट चटकाने के अलावा उसी मैच में शतक भी जड़ा हो. और मजे की बात है कि यह अद्भुत रिकॉर्ड 24 साल पहले आज ही के दिन (1 जुलाई) भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ बना था.

बात उन दिनों की है, जब 1996 में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर थी. भारत ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट (बर्मिंघम) गंवाया था और उसके बाद लॉर्ड्स में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के शानदार डेब्यू की बदौलत दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहा. बारी तीसरे और आखिरी टेस्ट की थी, लेकिन इससे पहले भारतीय टीम हैम्पशायर के खिलाफ साउथेम्पटन में (29 जून-1 जुलाई, 1996) अभ्यास मैच खेलने उतरी.

उस प्रैक्टिस मैच में अजय जडेजा और विक्रम राठौड़ की सलामी जोड़ी ने बेहतरीन शुरुआत दी. एक समय भारत का स्कोर बिना किसी विकेट के 192 रन था. इसी स्कोर पर अजय जडेजा (91 रन) आउट हो गए. उन्हें बाएं हाथ के तेज गेंदबाज केवन जेम्स ने आउट किया. इसके बाद सौरव गांगुली उतरे. राठौड़ के साथ 15 रनों की साझेदारी हुई थी कि 207 रनों के स्कोर पर जेम्स ने राठौड़ (95) को भी निपटा दिया.

भारत के लिए 207 का स्कोर 'अशुभ' साबित हुआ. स्कोर 207/1 से 207/5 हो गया. दरअसल, भारत का बुरा हाल केविन जेम्स ने किया था. जेम्स ने इस दौरान लगातार 4 गेंदों में 4 विकेट निकाले थे. जेम्स ने पहले तो राठौड़, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ को आउट कर अपनी हैट्रिक पूरी की और उसके बाद संजय मांजरेकर को आउट कर 4 गेंदों में 4 विकेट लेने का कारनामा किया.

दूसरे छोर पर गांगुली (नाबाद 100) टिके रहे उन्हें अनिल कुंबले (नाबाद 59) का साथ मिला. आखिरकार भारत ने 362/5 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी. जेम्स ने 74 रन देर पारी के पांचों विकेट चटकाए. और इसके बाद हैम्पशायर की पारी में केवन जेम्स ने 103 रन ठोक दिए. जवागल श्रीनाथ उस मैच में नहीं खेल रहे थे. सलिल अंकोला (4) ने शुरुआती झटके दिए, लेकिन बाकी गेंदबाज हैम्पशायर को रोक नहीं पाए और उसने 458/9 रन बनाकर पारी घोषित की.

यह मैच ड्रॉ रहा, लेकिन केवन जेम्स ने एक अद्भुत रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. पहले तो उन्होंने 4 गेंदों पर 4 विकेट निकाले और उसके बाद बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऐसा ऑलराउंड प्रदर्शन करने वाले वह एकमात्र खिलाड़ी हैं. सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे बल्लेबाजों को छकाने में कामयाब रहने के बावजूद जेम्स को कभी इंग्लैंड के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. वह तब तक अपने 35 साल पूरे कर चुके थे और राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिलने का यह एक बड़ा कारण था. अभ्यास मैच के बाद नॉटिंघम में खेला गया सीरीज का आखिरी टेस्ट ड्रॉ रहा और इंग्लैंड ने सीरीज पर 1-0 से कब्जा किया.

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