देवशयनी एकादशी आज, भूलकर भी ना करें ये काम
1 जुलाई को यानी आज देवशयनी एकादशी मनाई जा रही है. इसे आषाढ़ी एकादशी, हरिशयनी और पद्मनाभा एकादशी नाम से भी जाना जाता है. इसे भगवान विष्णु का शयन काल माना जाता है. पुराणों के अनुसार इस दिन से भगवान विष्णु चार मास के लिए क्षीरसागर में शयन करते हैं. इसी दिन से चातुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं और अगले चार महीनों तक किसी भी मांगलिक कार्य पर रोक लग जाती है.
मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु चार मास के लिए निद्रा में चले जाते हैं. इसलिए इस समय में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. हालांकि इस बार चातुर्मास 4 महीने की जगह पांच महीने का है. यानी 1 जुलाई से शुरू होकर यह समय 25 नवंबर तक चलेगा, इसके बाद 26 नवंबर से मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जा सकेगी.
देवशयनी एकादशी का व्रत करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके सभी पापों का नाश होता है लेकिन इस दिन और भी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. आइए जानते हैं इस दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए.
एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए, इसे खाने से व्यक्ति का मन चंचल होता है और प्रभु भक्ति में मन नहीं लगता है. पौराणिक कथा के अनुसार माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने शरीर का त्याग कर दिया और उनका अंश पृथ्वी में समा गया. चावल और जौ के रूप में महर्षि मेधा उत्पन्न हुए इसलिए चावल और जौ को जीव माना जाता है.
वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार चावल में जल तत्व की मात्रा अधिक होती है. जल पर चन्द्रमा का प्रभाव अधिक पड़ता है. चावल खाने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ती है इससे मन विचलित और चंचल होता है और मन के चंचल होने से व्रत के नियमों का पालन करने में बाधा आती है.
एकादशी को बिस्तर पर नहीं, जमीन पर सोना चाहिए. मांस और नशीली वस्तुओं का सेवन भूलकर ना करें. स्नान के बाद ही कुछ ग्रहण करें.