आज फिर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट पर मांगा जवाब, लिखा आदिवासी विरोधी सरकार #दस_दिन_दस_सवाल
भोपाल
कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने आज फिर मोदी सरकार पर आदिवासियों के अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए उनसे दस सवाल के जवाब मांगे हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी सिंह ने शिक्षा के स्तर को लेकर मोदी सरकार से सवाल किए थे। आज दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने आदिवासियों को जमीन से बेदखल किया है। इन सवालों में सिंह ने प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सरकार पर भी आदिवासी के खिलाफ होने के आरोप लगाए हैं।
सवाल 1- भाजपा ने 2014 के अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह आदिवासियों के लिए नई आर्थिक गतिविधियां शुरू करेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आदिवासी अपनी भूमि से जुदा ना हो, लेकिन मोदी सरकार ने आदिवासियों को जमीन से बेदखल करने का काम किया। क्यों?
/आदिवासी विरोधी सरकार/#दस_दिन_दस_सवाल
प्रश्न 1: 2014 के अपने घोषणापत्र में भाजपा ने कहा था कि वह आदिवासियों के लिए नई आर्थिक गतिविधियां शुरू करेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आदिवासी अपनी भूमि से जुदा ना हो।
मगर मोदी सरकार ने आदिवासियों को जमीन से बेदखल करने का काम किया। क्यों?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल 2- वर्ष 2006 में यूपीए सरकार ने वन अधिकार कानून बनाया था। इस कानून के तहत 42 लाख आदिवासियों और वनवासियों ने वन भूमि पर अधिकार के लिए आवेदन किये थे।मगर इनमें से 19.34 लाख आवेदन खारिज कर दिए गए। सर्वोच्च न्यायालय में एनडीए सरकार आदिवासियों के पक्ष में खड़ी नहीं रही। क्यों?
प्रश्न 2: वर्ष 2006 में यूपीए सरकार ने वन अधिकार क़ानून बनाया था। इस कानून के तहत 42 लाख आदिवासियों और वनवासियों ने वन भूमि पर अधिकार के लिए आवेदन किये थे।मगर इनमें से 19.34 लाख आवेदन खारिज कर दिए गए। सर्वोच्च न्यायालय में एनडीए सरकार आदिवासियों के पक्ष में खड़ी नहीं रही। क्यों?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल 3- मप्र में वन भूमि का मालिकाना हक पाने के लिए सवा चार लाख आदिवासी परिवारों के दावों में से दो लाख दावे खारिज कर दिए। मध्य प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने ऐसा क्यों किया था?
प्रश्न 3: मप्र में वन भूमि का मालिकाना हक पाने के लिए सवा चार लाख आदिवासी परिवारों के दावों में से दो लाख दावे खारिज कर दिए। मध्य प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने ऐसा क्यों किया था?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल 4- भाजपा सरकार ने 2014 की तुलना में 2018 में आदिवासी कल्याण के सामान्य व्यय को 52 प्रतिशत तक कम कर दिया। आदिवासी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति के बजट में कमी कर दी गई। क्यों?
प्रश्न 4: भाजपा ने 2014 के घोषणा पत्र में कहा था कि आदिवासियों के विकास और कल्याण में बढ़ोतरी की जाएगी। लेकिन हुआ क्या?
भाजपा सरकार ने 2014 की तुलना में 2018 में आदिवासी कल्याण के सामान्य व्यय को 52% तक कम कर दिया।आदिवासी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति के बजट में कमी कर दी गई।क्यों?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल 5- मप्र में सबसे ज्यादा 1.53 करोड़ आदिवासी निवास करते हैं और यहीं उनके साथ सबसे ज्यादा अपराध भी होते हैं। वर्ष 2016 में देश में आदिवासियों के साथ अत्याचार के सबसे ज्यादा 1823 मामले मध्यप्रदेश में दर्ज हुए। इन अत्याचार के मामलों का अदालत में परीक्षण ही पूरा नहीं हुआ। क्यों?
प्रश्न 5: मप्र में सबसे ज्यादा 1.53 करोड़ आदिवासी निवास करते हैं और यहीं उनके साथ सबसे ज्यादा अपराध भी होते हैं।
वर्ष 2016 में देश में आदिवासियों के साथ अत्याचार के सबसे ज्यादा 1823 मामले मध्यप्रदेश में दर्ज हुए। इन अत्याचार के मामलों का अदालत में परीक्षण ही पूरा नहीं हुआ।क्यों?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल- 6- मप्र में आदिवासियों पर अत्याचार के 5844 मामले लंबित थे। इनमें से वर्ष 2016 में केवल 900 ही परीक्षण हुआ है जिनमें से 671 आरोपी कमजोर कार्रवाई के चलते छूट गए। आदिवासियों को न्याय देने में कमी क्यों ?
प्रश्न 6: मप्र में आदिवासियों पर अत्याचार के 5844 मामले लंबित थे। इनमें से वर्ष 2016 में केवल 900 ही परीक्षण हुआ है जिनमें से 671 आरोपी कमजोर कार्रवाई के चलते छूट गए। आदिवासियों को न्याय देने में कमी क्यों थी?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल 7- आदिवासी शासन व्यवस्था से जुड़े कानूनी मसलों, भूमि अधिग्रहण अधिनियम को कमजोर किया गया। ग्रामसभा की शक्तियों को कम किया गया। आदिवासी अधिकारों को भाजपा सरकार ने क्यों क्षीण किया?
प्रश्न 7: आदिवासी शासन व्यवस्था से जुड़े कानूनी मसलों, भूमि अधिग्रहण अधिनियम आदि को कमजोर किया गया। ग्रामसभा की शक्तियों को कम किया गया ताकि ग्रामसभा के दखल के बिना वन जमीन कारपोरेट को दी जा सके। आदिवासी अधिकारों को भाजपा सरकार ने क्यों क्षीण किया?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल 8- भाजपा सरकार ने ट्राइबल सब-प्लान के साथ खिलवाड़ क्यों किया? जो पैसा आदिवासी समुदाय के विकास में लगना चाहिए था, उसे आदिवासी रहन सहन को खतरे में डालने वाले प्रोजेक्ट में क्यों निवेश किया?
प्रश्न 8:भाजपा सरकार ने ट्राइबल सब-प्लान / ST Componant के साथ खिलवाड़ क्यों किया? जो पैसा आदिवासी समुदाय के विकास में लगना चाहिए था, उसे दूसरे कामों में, ख़ासतौर पर आदिवासी रहन सहन को ख़तरे में डालने वाले प्रोजेक्ट में क्यों निवेश कर दिया?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल 9- क्या भूमि अधिग्रहण और एमएमआरडीए कानून में मोदी सरकार के संशोधन आदिवासी विरोधी नहीं है?
प्रश्न 9:क्या भूमि अधिग्रहण और MMRDA क़ानून में मोदी सरकार के संशोधन आदिवासी विरोधी नहीं है?
ये निजी कम्पनियों द्वारा आदिवासी भूमि के अधिग्रहण को बिना ग्राम सभा की स्वतंत्र और सूचित सहमति के सम्भव नहीं बनाते? क्या ये आदिवासियों को बिना मुआवज़े और पुनर्स्थापन, बेदख़ल नहीं करते?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019
सवाल 10- क्या वन अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन वन अधिकारियों को आदिवासियों को गोली मारने के असीमित अधिकार नहीं देते? क्या ये वन अधिकारियों को आदिवासियों से अधिकार वापस लेने और उन्हें जबरदस्ती स्थानांतरित करने का अधिकार नहीं देते है? ऐसे डिक्टेटरशिप वाले संशोधन क्यों ?
प्रश्न 10: क्या वन अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन वन अधिकारियों को आदिवासियों को गोली मारने के असीमित अधिकार नहीं देते?
क्या ये वन अधिकारियों को आदिवासियों से अधिकार वापस लेने और उन्हें ज़बरदस्ती स्थानांतरित करने का अधिकार नहीं देते है?
ऐसे डिक्टेटरशिप वाले संशोधन क्यों हैं?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2019