अवैध कॉलोनियों को वैध करने जा रही सरकार, 5 हजार कॉलोनियों को होगा फायदा

 भोपाल.
 मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकारछोटे कॉलोनाइजर को राहत देने के लिएआवास नीति 2017 में बदलाव करने जा रही है। इसमें पांच एकड़ से कम भूमि पर भी कॉलोनी बनाई जा सकेगी। अभी यह नियम पांच एकड़ से अधिक भूमि का है।

सरकार का मानना है कि इस कदम से अवैध कॉलोनियों की बसाहट पर अंकुश लगेगा। नगर तथा ग्राम निवेश संचालक राहुल जैन ने इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि शहरी सीमा में कम एरिया होने से कॉलोनियां नियम के अनुसार डवलप नहीं हो पा रही हैं। वहीं, सरकार अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए भी नया एक्ट लाने जा रही है।

अवैध कॉलोनियों में यह मुसीबत

पांच एकड़ से कम भूमि पर प्रतिबंध होने से कॉलोनाइजर अभी अवैध कॉलोनियां बसा लेते हैं। इसमें रहवासियों को न तो बेहतर चौड़ी सड़कें मिल पाती हैं और न ही ग्रीन बेल्ट लिए कोई जगह छोड़ी जाती है। नागरिकों को अवैध कॉलोनी होने के कारण बैंकों से कर्ज भी नहीं मिल पाता। संचालक जैन ने कहा है कि इन सब परेशानियों को देखते हुए 5 एकड़ के प्रतिबंध को हटाना उचित होगा।

तीसरी बार बदलाव

सरकार दो बार नीति बदल चुकी है। 2010 में तय हुआ था कि भोपाल व इंदौर में 20 एकड़, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन व सागर में 15 एकड़ तथा अन्य नगरीय क्षेत्रों में 10 एकड़ में ही कॉलोनी बस सकेंगी। विरोध होने पर दो साल बाद 5 एकड़ जमीन का प्रावधान लागू कर दिया था।

प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनी

प्रदेश में कुल 5197 अवैध कॉलोनियां हैं। इनमें से अधिकतर वे कॉलोनी हैं, जो शहर के आसपास पांच एकड़ से कम जमीन पर बनी हैं। पूर्वीवर्ती सरकार ने 8 मई 2018 को अवैध कॉलोनियों को वैध करने की शुरुआत की थी।

उसके अनुसार 4759 कॉलोनी को वैध करने के लिए चिन्हित किया। इनमें करीब 237950 परिवार रहते हैं। इनमें से कुछ कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई भी की गई। इसी बीच ग्वालियर हाईकोर्ट ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए लगाई गई धारा 15-ए को ही खारिज कर दिया।

रेरा अध्यक्ष अंटोनी डिसा की अध्यक्षता में हाल ही में एक वर्कशॉप में सुझाव आया था कि पांच एकड़ के नियम से परेशानी आ रही है। उसी आधार पर नया प्रस्ताव बनाया गया है। – राहुल जैन, संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश

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