अब बायोमेट्रिक से नहीं फेस स्कैनर से लगेगी कॉलेज व्याखाताओं की हाजिरी

भोपाल 
मध्यप्रदेश सरकार कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था का स्तर बेहतर करने के लिए व्याख्याताओं की अटेंडेंस के लिए नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रही है. नई व्यवस्था में व्याख्याताओं की हाज़िरी बायोमेट्रिक मशीनों की बजाए फेस स्कैनर मशीन के जरिए करने की व्यवस्था शुरू की जा सकती है. ऐसे में अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि पुराना व्यवस्था को बेहतर करने की बजाय नई व्यवस्था पर लाखों रुपये खर्च करने की कवायद आखिर क्यों की जा रही है.

मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों मे शिक्षा का स्तर को सुधारने के लिए छात्रों के साथ-साथ टीचिंग फेकल्टी को अटेंडेंस सुनिश्चित करने का काम शुरू हुआ था. उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक सभी सरकारी कॉलेजों में व्याख्याताओं की हाज़िरी के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई. अब सूबे में सत्ता बदलते ही शिक्षा का स्तर सुधारने के नाम पर नई व्यवस्था को लागू करने की कवायद हो रही है.

मध्यप्रदेश में वर्तमान में सरकारी कॉलेजों की संख्या 516 के करीब है, जबकि अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों की संख्या 75 है. अनुदान न लेने वाले कॉलेजों की संख्या 789 है. सरकारी कॉलेजों में व्याख्याताओं की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर बायोमेट्रेक मशीन लगाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन अब सिस्टम को फेस स्कैनर के जरिए रिप्लेस करने की तैयारी की जा रही है, जिस पर एक बार फिर लाखों रुपये खर्च होंगे. प्रदेश भाजपा इस फिजूलखर्ची पर सवाल उठा रही है.

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