अब एसपी भी कर सकेंगे आउट आफ टर्म प्रमोशन, इन्हें मिलेगा लाभ

भोपाल
प्रदेश में अब जिले के पुलिस अधीक्षक को भी जिले में पदस्थ पुलिस बल को उनके अदम्य साहस पर आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने का अधिकार मिल सकेगा। पुलिस अधीक्षक अब जिले में पदस्थ किसी आरक्षक को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत कर सकेंगे। लेकिन इसके लिये प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से अनुमोदन लेना जरुरी होगा।

राज्य सरकार ने मप्र पुलिस विनियम में संशोधन किया गया है, जिसे पुलिस अधीक्षकों को यह अधिकार मिला है। किसी भी आरक्षक को ऑउट ऑफ टर्म प्रमोशन के लिये यह जरुरी होगा कि वह उसने किसी नक्सल विरोधी अभियान में अदम्य साहस का परिचय दिया हो या फिर किसी तरह की कोई विशिष्टता प्रदर्शित की हो। इसी तरह आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान भी अदम्य साहस का परिचय देने वाले आरक्षक इस तरह से प्रमोशन के हकदार होंगे। ऑउट ऑफ टर्म प्रमोशन के लिये उन्हें भोपाल तक पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय तक चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। नियमों को सरल करते हुए इसमें पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है, जिससे कि पात्र आरक्षक को समय पर विशेष पदोन्नति का लाभ मिल सके।

इसी तरह ऑउट ऑफ टर्म प्रमोशन के मामले में पुलिस उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के अधिकारों में भी इजाफा किया गया है। डीआईजी स्तर के अधिकारी किसी प्रधान आरक्षक को सहायक उप निरीक्षक के पद पर ऑउट ऑफ टर्म प्रमोशन दे सकेंगे। लेकिन इसके लिये भी यह जरुरी होगा कि वह भी इस मामले में पुलिस महानिदेशक से अनुमोदन हासिल करें। इस कड़ी में पुलिस महानिरीक्षक के अधिकारों में भी इजाफा किया गया है। इस तरह के मामलों में पुलिस महानिरीक्षक सहायक उप निरीक्षक को उप निरीक्षक और उप निरीक्षक को निरीक्षक के पद पर पदोन्नत कर सकेंगे। इस तरह के मामलों में प्रमोशन देने के लिये यह जरुरी होगा कि पुलिस महानिदेशक से पूर्व अनुमति हो। दरअसल अब तक इस तरह के मामलों में ऑउट ऑफ टर्म प्रमोशन के लिये जिला स्तर पर प्रस्ताव पुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय को भेजते थे। यह एसपी और डीआईजी सहित आईजी के प्रस्ताव से पुलिस मुख्यालय सहमत होता था, तो ही संबंधित को प्रमोशन मिल पाता था। लेकिन अब मैदानी अफसरों को ही ऑउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने के अधिकार मिले हैं, जिससे कि जिले में पदस्थ अमला अपने कप्तान के नेतृत्व में बेहतर और समर्पित भाव से कार्य करने के लिये प्रेरित हो सके। दरअसल प्रदेश में लंबे समय से नक्सल समस्या बनी हुई है। वहीं मौजूदा परिस्थितियां में यदा- कदा आतंकवाद की घटनाएं भी घटते रहती है। एेसे में इस तरह की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिये जिले में मौजूद पुलिस बल का जोश और जज्बा के साथ ही समर्पित भाव से कार्य करना जरुरी है, इसके लिये जरुरी है कि उन्हें बेहतर कार्य के लिये प्रेरित करने के लिये माहौल में सकारात्मकता रहे और उन्हें एेसे अभियानों में शामिल होने को लेकर उत्साह बना रहे। इस कारण ही ऑउट ऑफ टर्म प्रमोशन के मामलों में नियमों में रियायत बरती गई है और आला मैदानी अफसरों के अधिकारों में इजाफा किया गया है।

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