अधर में लटकी हुई है अंबिकापुर नगर निगम की ये योजना
अम्बिकापुर
अम्बिकापुर को व्यवस्थित करने की बहुत सी योजना अधर मे लटकी हुई है. जिनमे से एक ट्रांसपोर्ट नगर की योजना है. जिसके लिए आबंटित दुकानें और गुमटियां जंग खा गईं, लेकिन निर्माण कार्य पूरा ना होने से ट्रांसपोर्ट नगर की 10 वर्षो में भी शुरुआत नहीं हो पाई है. लेकिन निगम प्रबंधन आंख मे पट्टी बांध कर हाथ मे हाथ धरे बैठा है. व्यवस्था सुधारने को लेकर निगम प्रशासन कुछ कर नहीं रहा है.
अम्बिकापुर नगर निगम बने 15 साल पूरे होने को है, लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर जैसी जरुरी व्यवस्था जमीन पर नहीं उतर सकी है. हवा में गोते लगा रही ट्रांसपोर्ट नगर की शुरुआत सबसे पहले अम्बिकापुर से 10 किलोमीटर दूर मेण्ड्राखुर्द गांव मे शुरू हुई. जिसके लिए निगम प्रबंधन ने 10 लाख रुपए पानी की तरह बहाए. लेकिन बाद मे वो जमीन फारेस्ट लैंड निकल गई. लिहाजा निगम प्रबंधन ने करीब 10 साल पहले उसको बिलासपुर चौक के पास पचपेडी मे जमीन आबंटित करा कर उसका विस्तार शुरू किया और फिर वहां भी 1 करोड़ 80 लाख रुपए से निमग प्रबंधन ने जमीन समतलीकरण, कुछ हिस्से मे सीसी रोड औऱ गुमतियां रखवाने मे खर्च कर दिए. लेकिन हालात ये है कि अभी तक शहर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायियो को वहां शिफ्ट नहीं किया जा सकता है.
जिससे ट्रांसपोर्ट अपने आप को ठगा महशूश कर रहे है औऱ स्थानिय लोग ट्रांसपोर्ट नगर बनने की बाट जोह रहे है. स्थानीय निवासी उत्तम कुमार साहू का कहना है कि योजना शुरू नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि 10 वर्षों मे करीब 2 करोड़ रुपए खर्च करके भी ट्रांसपोर्ट नगर की शुरुआत नहीं हुई. जिससे शहर के मुख्यमार्ग खासकर निर्माणाधीन रिंग रोड मे ट्रक सडक किनारे खडे रहते है. जिससे लगातार हादसे हो रहे है. लेकिन ना ही निगम प्रबंधन और ना ही जिला प्रशासन. कोई इस मामले की सुध लेने को तैयार नही है.
नगर निगम के ईई सुनील सिंह ने का कहना है कि निगम प्रबंधन ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर 12 करोड़ रुपए की मांग की है. जिसमें निगम 25 एकड़ मे फिर से ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की कवायद शुरू कर दी जाएगी. अम्बिकापुर के वार्ड नंबर 46 पचपेढी मे अब कुल 25 एकड़ जमीन आबंटन करके करोड़ों रुपए बहाने की तैयारी मे हैं. लेकिन सवाल ये है कि वर्षो से जंग खाती गुमटी और खराब हो चुकी सीसी रोड मे जैसी तमाम खर्च किए गए पुराने रुपए की भरपाई कौन करेगा.