WHO के अनुसार भारत में हर आठवीं महिला ब्रेस्ट केंसर से पीडित

भोपाल 
कैंसर का इलाज कराकर ठीक हो चुके ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को दोबारा कैंसर होने के खतरे से बचाने के लिए जवाहरलाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय में बे्रस्ट क्लीनिक को अपग्रेड किया गया है। अब इस क्लीनिक में गुरूवार और शुक्रवार को केंसर के इलाज से ठीक हो चुके मरीजों का रेग्युलर फॉलोअप लिया जायेगा। क्लीनिक में मरीजों को भविष्य में केंसर के खतरे से बचाने के लिए काउंसलर्स,डायटीशियन और सोशल वर्कर उनका हेल्थ चेकअप कर सभी प्रकार की जानकारी देंगे।
 
डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में हर आठवीं महिला ब्रेस्ट केंसर से पीडित है। यदि लोग जागरूक रहें और 35 साल के बाद नियमित ब्रेस्ट चैकअप करायें तो शुरूआती दौर में ही केंसर से बचा जा सकता है। ब्रेस्ट केंसर से पुरूष भी अछूते नहीं हैं। एक सैकडा पुरूषों में एक पुरूष ब्रेस्ट केंसर से जूझ रहे हैं।

जवाहरलाल नेहरू केंसर अस्पताल की सीईओ दिव्या पाराशर ने बताया कि एक बार इलाज कराने से ब्रेस्ट केंसर ठीक होने के बाद भी 15 सालों तक इसके दोबारा होने की संभावना रहती है। इसलिए ब्रेस्ट क्लीनिक के माध्यम से रोगियों को खानपान, नियमित एक्सरसाइज और संयमित भोजन की सलाह दी जाती है। यदि केंसर रोगी व्यायाम नहीं करते हैं। तो लिम्फिडिया की शिकायत हो सकती है। इसमें मरीज के शरीर में सूजन आ जाती है। 
फोटो मेल पर भेजी है।

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